उपनिबंधकों की कमी से जूझ रहा निबंधन विभाग
मैनपुरी : सरकार को हर महीने मोटी आमदनी कराने वाला निबंधन विभाग अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। ज
मैनपुरी : सरकार को हर महीने मोटी आमदनी कराने वाला निबंधन विभाग अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। जनपद के दो कार्यालय पिछले लंबे अरसे से उपनिबंधक विहीन चल रहे हैं। यहां काम चलाने के लिए बाबुओं को उपनिबंधक का चार्ज दिया गया है।
सरकार को विभिन्न स्त्रोतों से होने वाली आमदनी में लगभग आधी आमदनी का योगदान निबंधन विभाग का होता है। बैनामे, वसीयत व अन्य प्रकार के दस्तावेजों के पंजीकरण तभी संभव है, जब उन पर स्टांप दाखिल किया जाए। पंजीकरण के लिए पंजीकरण शुल्क भी अदा करना पड़ता है। ये सारी आमदनी सरकार के खाते में जाती है।
सरकार की आमदनी के लिहाज से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण निबंधन विभाग पिछले लंबे अरसे से अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। जनपद में फिलहाल पांच तहसीलें हैं, जिनमें से तीन तहसीलों में उपनिबंधक कार्यालय संचालित हैं। उपनिबंधक कार्यालय सदर में तो उपनिबंधक की तैनाती है, लेकिन तहसील भोगांव व तहसील करहल में स्थापित कार्यालय पिछले दो सालों से उपनिबंधक की कमी झेल रहे हैं। काम चलाने के लिए यहां बाबुओं को उपनिबंधक के पद पर बैठा दिया गया है।
अधिकारी के पद पर बैठने के बाद बाबुओं के व्यवहार में काफी परिवर्तन आ जाता है। वहीं कार्यालय में अधिकारी के न होने के कारण अन्य अधीनस्थों की कार्यशैली भी बदल जाती है।
तहसील भोगांव के अधिवक्ता अवनीश जौहरी बताते हैं कि अधिकारी न होने के कारण उपनिबंधक कार्यालय भोगांव में रजिस्ट्री कराने के लिए आने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बाबू द्वारा जनता के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले भी सामने आए हैं। यदि कार्यालय में अधिकारी उपस्थित हो, तो लोगों को इस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करने से निजात मिल सकती है।
एआइजी राजनाथ राम से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि विभाग में उपनिबंधकों के पद रिक्त चल रहे हैं। नई नियुक्तियां होने के बाद पदों को भरा जाएगा।