विकास को ग्राम पंचायतें सृजित करेंगी संसाधन
मैनपुरी: विकास कार्य कराने के लिए ग्राम पंचायतों को अब सरकारी धन के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। ग्राम
मैनपुरी: विकास कार्य कराने के लिए ग्राम पंचायतों को अब सरकारी धन के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। ग्राम पंचायतों को अपने आय के संसाधन तैयार करने होंगे। जिनसे होने वाली आमदनी से गांव का विकास कराने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों की होगी। जो ग्राम पंचायतें अपने आय के स्त्रोत नहीं तैयार करेंगी। उन्हें सरकार से मिलने वाली राज्य वित्त की धनराशि में कटौती कर दी जाएगी।
सहभागी नियोजन के माध्यम से ग्राम पंचायतों को सरकारी संसाधनों में चारागाह, चिकनी मिट्टी, खलिहान, तालाबों के अलावा ग्राम पंचायतों में पड़ी अन्य परिसंपत्तियों से होने वाली आय के साधनों का सही उपयोग करने को उन्हें चिन्हित करना होगा। चिन्हित स्त्रोतों से प्राप्त धन को गांव के विकास पर खर्च किया जाएगा।
सरकार ने ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह कदम उठाया है। जिससे ग्राम पंचायतें अपनी निष्प्रयोज्य पड़ी परिसंपत्तियों का सही उपयोग कर अपनी आमदनी से अपना विकास करने की पहल शुरू करेंगी। इससे दुहरा लाभ होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
एक तरफ शासन से मिलने वाली धनराशि में बचत होगी, तो वहीं गांव बेकार पड़ी परिसंपत्तियों से आमदनी के नए स्त्रोत विकसित होंगे। चुनाव के बाद गठित होने वाली नई ग्राम पंचायतों में जो ग्राम पंचायत सबसे पहले अपने आय के संसाधन विकसित करेंगी, उसके प्रधान को विकास कार्य कराने को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
जिला पंचायत राज अधिकारी नरेश चंद्र ने बताया कि शासन ने ग्राम पंचायतों को अपने संसाधनों से विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। शासन से जो भी नए दिशा-निर्देश मिले हैं। उन पर नई ग्राम पंचायतों के गठन के बाद अमल किया जाएगा।