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जिले में डेंगू की कायम है दहशत

मैनपुरी : जिले में डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। निजी नर्सिंग होम्स और प्राइवेट अस्पतालों म

By Edited By: Published: Tue, 13 Oct 2015 06:51 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2015 06:51 PM (IST)
जिले में डेंगू की कायम है दहशत

मैनपुरी : जिले में डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। निजी नर्सिंग होम्स और प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की तादात लगातार बढ़ती जा रही है। मगर, हाल देखिए। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी द्वारा अभी तक किसी भी मरीज में डेंगू होने की पुष्टि नहीं की गई है। जबकि, प्राइवेट पैथोलॉजी की रिपोर्ट में रोजाना दर्जनों मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट कम दर्शाया जा रहा है।

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बदलते मौसम का असर अब सेहत पर पड़ रहा है। मच्छर जनित बीमारियों में जहां मलेरिया पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो रहा है, वहीं डेंगू के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं। रोजाना जिला अस्पताल में सैकड़ों मरीज आते हैं। जिनमें से अधिकांश बुखार की समस्या से पीड़ित होते हैं। अस्पताल की पैथोलॉजी द्वारा रक्त जांच के बाद मलेरिया और टाइफाइड की पुष्टि तो की जा रही है, लेकिन किसी भी मरीज के ब्लड सैंपल में डेंगू की पुष्टि अब तक अस्पताल की पैथोलॉजी जांच में नहीं हुई है।

मगर, शहर में संचालित प्राइवेट पैथोलॉजियों द्वारा जो जांच की जा रही है, उसमें डेंगू बुखार की पुष्टि की जा रही है। प्राइवेट पैथोलॉजी द्वारा जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही है, उसमें रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या बेहद कम दर्शाई जा रही हैं। प्राइवेट पैथोलॉजी रिपोर्ट के आधार पर निजी अस्पतालों में मरीजों को डेंगू का उपचार दिया जा रहा है।

हाल यह है कि शहर के अधिकांश निजी अस्पतालों और क्लीनिकों पर दर्जनों डेंगू के मरीज भर्ती हैं। इन नर्सिंग होम्स के चिकित्सकों द्वारा प्लेटलेट्स बढ़ाने के नाम पर मरीजों को महंगी दवाएं लिखी जा रही हैं। एक-एक दिन का एक हजार से 1500 रुपये रुपये का उपचार और भर्ती शुल्क लिया जा रहा है। इसके अलावा दवाओं का खर्च अलग से जोड़ा जा रहा है।

हम पूरी तरह से तैयार

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केके शर्मा का कहना है कि डेंगू को लेकर स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से तैयार है। सीएमओ ऑफिस परिसर में एक कंट्रोल यूनिट बनाई गई है। जहां एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को तैनात किया गया है। जिला अस्पताल में भी डेंगू वार्ड बनवाया गया है। यहां फिजीशियन डॉ. एके उपाध्याय और डॉ. जेजे राम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध केस की सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच करें।

सीएमओ का कहना है कि डेंगू की जांच के लिए एलाइजा टेस्ट कराया जाता है। इस टेस्ट की सुविधा जिला अस्पताल में उपलब्ध है। इसके अलावा एनएस-1 टेस्ट के माध्यम से भी डेंगू की पुष्टि होती है। जिला अस्पताल में तो यह जांच पूरी तरह से निश्शुल्क है जबकि प्राइवेट पैथोलॉजी में कम से कम एक हजार रुपये में यह जांच की जा रही है। ज्यादातर प्राइवेट चिकित्सक प्लेटलेट्स कम दर्शाकर डेंगू के नाम पर मरीजों को डरा रहे हैं।


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