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अब काम के आधार पर होगी स्कूलों की ग्रे¨डग

मैनपुरी : परिषदीय स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था के साथ हालातों में सुधार करने को अब शासन ने नया फंडा

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 07:57 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 07:57 PM (IST)
अब काम के आधार पर होगी स्कूलों की ग्रे¨डग

मैनपुरी : परिषदीय स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था के साथ हालातों में सुधार करने को अब शासन ने नया फंडा अपनाया है। स्कूलों की ग्रे¨डग कराई जाएगी। जिसमें गुरूजी के अध्यापन कार्य से लेकर विद्यालय परिसर में सफाई, बागवानी और शौचालयों तक के लिए अंक निर्धारित किए गए हैं। ग्रे¨डग में जो स्कूल अव्वल होंगे, उनके प्रधानाध्यापकों को सार्वजिनक मंचों पर सम्मानित तो किया ही जाएगा, साथ ही उनकी सर्विस बुक में भी इसकी एंट्री की जाएगी।

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बेसिक शिक्षा सचिव एचएल गुप्ता ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पत्र भेजकर ग्रे¨डग व्यवस्था लागू करने को कहा है। नई व्यवस्था के तहत हर काम के लिए अंकों का निर्धारण किया गया है। श्रेणीकरण के लिए पांच ¨बदु निर्धारित किए गए हैं। इसमें भौतिक परिवेश, सामुदायिक सहभागिता के लिए क्रमश: पांच-पांच अंक, स्कूलों में बच्चों का नामांकन एवं उपस्थिति के लिए 15 अंक, शिक्षण के स्तर के लिए 20 अंक निर्धारित किए गए हैं। सत्र परीक्षा में विद्यार्थियों के बेहतर स्तर को जांचने के लिए सबसे ज्यादा 55 अंक निर्धारित किए हैं। 100 अंकों के साथ श्रेणीकरण की व्यवस्था की गई है।

भौतिक परिवेश में शिक्षकों को अपने विद्यालय में भवन की रंगाई-पुताई, शौचालय का निर्माण, परिसर में बागवानी, हैंडपंप की व्यवस्था और परिसर में साफ-सफाई के लिए पांच अंक दिए जाएंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिकेश यादव का कहना है कि हमारा पूरा जोर बच्चों का स्कूलों में नामांकन और उनके शिक्षा स्तर पर होगा। इसके लिए अक्सर शिक्षक पल्ला झाड़ लेते हैं। लेकिन अब ऐसा करना आसान नहीं होगा। क्या पढ़ाया और बच्चों ने कितना सीखा, इसका आंकलन किया जाएगा और उसी आधार पर शिक्षकों को अंक दिए जाएंगे। शिक्षण व्यवस्था में किताबी ज्ञान के अलावा प्रयोगात्मक ज्ञान को भी बढ़ावा देना होगा।

बीएसए का कहना है कि अच्छे अंक पाने वाले स्कूलों के शिक्षकों को सार्वजनिक तौर पर सम्मानित कराया जाएगा। इसके अलावा उनका सेवा पंजिका में भी इस बात की एंट्री कराई जाएगी। शिक्षकों को प्रोत्साहित कराया जाएगा ताकि वे इसी प्रकार अच्छा काम करें। इसके अलावा इस व्यवस्था से हम पढ़ाई में कमजोर बच्चों का चिन्हांकन कर उन पर ज्यादा जोर दे सकेंगे।

ऐसे होगा निर्धारण अंक

श्रेणी 75-100

ए 60-74,

बी 50-59

सी 35-49


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