शिवालयों में गूंजे हर-हर महादेव के स्वर
मैनपुरी : भगवान शिव के प्रिय श्रावणमास में नगर के प्राचीन शिवालय भीमसेन महाराज सहित सभी शिव मंदिरों
मैनपुरी : भगवान शिव के प्रिय श्रावणमास में नगर के प्राचीन शिवालय भीमसेन महाराज सहित सभी शिव मंदिरों में होने वाले धार्मिक आयोजन शुरू हो गए हैं। जिसमें प्रत्येक सोमवार को मंदिरों में शिव भक्तों की श्रद्धा बरसेगी वहीं महीने भर होने वाले श्री रामचरित मानस, श्रीमद् भागवत, श्रीशिव महापुराण कथाओं में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। शिवालयों में घंटे-घड़ियालों की गूंज के बीच हर-हर महादेव के स्वर सुनाई देंगे।
श्रावण मास महोत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए नगर के प्राचीन धाम मंदिर भीमसेन महाराज, के अलावा छोटे-बड़े मंदिरो में कोतवालेश्वर, राजराजेश्वर, आनंदेश्वर, मंदिर सहित आश्रमों व गली मुहल्लों में स्थित सभी शिवालयों की रंगाई-पुताई कर बिजली की रंग-बिरंगी झालरों से सजावट की गई। जहां श्रावण माह के प्रत्येक सोमवार को शिव भक्तों द्वारा अपने आराध्य का अभिषेक पूजन किया जाएगा।
श्रावण माह के प्रथम दिन नगर के पावन धाम मंदिर श्रीभीमसेन महाराज में रविवार को प्रारंभ हुई श्रीरामचरित मानस कथा में प्रवचन करते हुए कथाचार्य डॉ.रामबाबू पाठक ने भगवान शिव को त्रिभुवन गुरु बताते हुए कहा कि गुरु से छल, कपट नहीं करना चाहिए।
उन्होंने गुरु हृदय की विशेषता बताते हुए कहा कि कागभुसंड जी ने गुरु से कपट किया और उनकी दुर्गति हुई लेकिन शिव मंदिर की घटना के कारण उनका कल्याण हुआ और वे रामभक्त हुए। कथा के प्रारंभ पर मंदिर कमेटी अध्यक्ष महेशचंद्र अग्निहोत्री ने कथाव्यास का तिलक कर स्वागत किया। मंदिर पुजारी सियाराम ने मंत्रोच्चारण कर पूजन कराया। कथा में वीर¨सह भदौरिया, सुरेश चंद्र बंसल, रमेशचंद्र सर्राफ,कैलाश तिवारी, उदयवीर ¨सह चौहान, शिवराम तिवारी आदि ने आचार्य का माल्यार्पण कर स्वागत किया। मंदिर समिति के सचिव वीर¨सह ने बताया कि श्रावण मास महोत्सव में मंदिर के सत्संग हॉल में एक अगस्त से शुरू हुई रामचरित मानस कथा के समापन पर 8 अगस्त से 14 अगस्त तक आचार्य डॉ पंकज मिश्र द्वारा श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में 15 से 21 अगस्त तक श्रीशिव महापुराण कथा में अवधेश द्विवेदी प्रवचन करेंगे तथा कथा समापन के दूसरे दिन 22 से 28 अगस्त तक आचार्य शशिकांत तिवारी भगवान श्रीराम के चरित्रों का वर्णन करेंगे। कथा का समय दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक रहेगा।