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इधर हटाते गए, उधर बसाते गए

मैनपुरी : जिले में प्रशासनिक इंतजामों पर अवैध कब्जेदार भारी पड़ रहे हैं। इधर प्रशासन, पुलिस के सहय

By Edited By: Published: Sun, 05 Jul 2015 06:43 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2015 06:43 PM (IST)
इधर हटाते गए, उधर बसाते गए

मैनपुरी : जिले में प्रशासनिक इंतजामों पर अवैध कब्जेदार भारी पड़ रहे हैं। इधर प्रशासन, पुलिस के सहयोग से फुटपाथों से अवैध कब्जे हटवा रहा है और उधर नए सिरे से अवैध कब्जेदार अपनी दुकानें सजाने में जुटे हैं। प्रशासन द्वारा अपनी कार्रवाई पर नरम रुख अपनाना पैदल चालकों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर रहा है।

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फुटपाथों पर कब्जे से पैदल चालकों के आवागमन का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। अतिक्रमण हटवाने में जिला प्रशासन के सभी हथकंडे़ नाकाफी साबित हो रहे हैं। बिना योजना के कराई जा रही कार्रवाई को न तो मातहत गंभीरता से ले रहे हैं और न ही अतिक्रमणकारी। हाल ही में जिलाधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी सदर की अगुवाई में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था। सीओ सिटी के नेतृत्व में पुलिस और पीएसी के जवानों ने भी सख्ती दिखाई थी।

तीन दिनों के अंदर प्रशासन ने नगर पालिका कर्मियों और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर आगरा रोड नवीन मंडी से लेकर ईशन नदी तिराहे तक की मुख्य सड़क का अतिक्रमण हटवाया था। मगर, अब हालात जस के तस हैं।

कचहरी रोड पर थाना कोतवाली के सामने खुद पुलिस ही फुटपाथ पर अवैध कब्जा जमाए है। दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को सड़क के फुटपाथ पर महीनों से खड़ा कराया गया है। इन्हें हटवाने में न तो सीओ सिटी कोई रुचि दिखा रहे हैं और न ही उप जिलाधिकारी।

थोड़ा आगे बढ़ते ही अवैध टेंपो स्टैंड लोगों का रास्ता रोकता है। यहां सुबह से लेकर देर रात तक टेंपो चालक अपने टेंपो को सड़क पर ही खड़ा कर देते हैं। न तो पैदल राहगीर आराम से निकल पाते हैं और न ही दुपहिया वाहन चालक। इस रोड पर एचपी गैस एजेंसी से दुर्गा माता मंदिर तक की सड़क का पूरा एक हिस्सा गैराज संचालकों ने कब्जा रखा है। सड़क पर ही ट्रैक्टरों से लेकर भारी वाहनों की मरम्मत का काम किया जाता है। कचहरी रोड को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर प्रशासन के सभी कयास फेल हो रहे हैं।

बोले लोग

'नगर में व्यवस्था को लेकर गंभीरता नहीं दिख रही है। बिना योजना के ही अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने का कोई भी असर नहीं हो रहा है। व्यापक स्तर पर मॉनीट¨रग की जरूरत है।

शिवम पांडेय।

'फुटपाथ को खाली कराने में अधिकारियों की हीलाहवाली इस बात को साबित करती है कि वे लोगों की सुविधा के लिए गंभीर नहीं हैं। अवैध कब्जे हटवाने का काम पुलिस का है। मगर, पुलिस कोई रुचि नहीं दिखा रही है।

गौरव कुमार यादव।

'जो लोग बार-बार सड़कों पर अवैध कब्जे कर रहे हैं। उन पर सख्ती बरते जाने की जरूरत है। अधिकारियों को चाहिए कि ऐसे लोगों का पहले तो चालान करें और न मानने पर एफआइआर दर्ज कराई जाए।

राजेश।

'हर बार अभियान में सरकारी डीजल फूंककर प्रशासन वाहवाही लूटने का प्रयास करता है। अगर, अधिकारी चाह लें तो निश्चित ही फुटपाथ पर से कब्जों को हटवाया जा सकता है।

शिवेंद्र ¨सह।

सिटीजन जर्नलिस्ट

नालियों को व्यापारी अपनी हद मानकर उस पर अतिक्रमण कर लेते हैं। अधिकारियों द्वारा इसे गंभीरता से न लिए जाने के कारण बाद में सड़कों की हदों पर कब्जे की हिम्मत बढ़ जाती है। अगर, प्रशासन वास्तव में नगर को अतिक्रमण मुक्त कराना चाहता है तो सबसे पहले नालियों के ऊपर से कब्जे हटवाने होंगे। दुकान पर चढ़ने-उतरने के लिए साढे़ तीन फुट की नाली को पाटने की अनुमति दी जाए। इससे व्यापारी नालियों के ऊपर अपना सामान नहीं रख सकेंगे।

राजेश कुमार राठौर।


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