शिक्षा से बदलेगी जीवन की ढाल
मैनपुरी, भोगांव: सांस्कृतिक एवं पारंपरिक मूल्यों में आ रही गिरावट को थामने की जिम्मेदारी वर्तमान पीढ
मैनपुरी, भोगांव: सांस्कृतिक एवं पारंपरिक मूल्यों में आ रही गिरावट को थामने की जिम्मेदारी वर्तमान पीढ़ी पर है। संस्कारवान युवा नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए आगे आएं और अपने जीवन में कर्तव्यों का दायित्व समझकर देश की उन्नति में भागीदार बनें। अच्छे काम करने वालों को समाज में हमेशा यश और शौर्य की प्राप्ति होती है। शिक्षा के बिना समाज में प्रगति की कल्पना नहीं की जा सकती है।
उक्त विचार नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अभियान चला रहे शिक्षक गिरीश ने गुरुवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर आयोजित प्रशिक्षणार्थियों की संस्कारशाला में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों का पतन होने से समाज में आपसी प्यार कम हुआ है। युवाओं को हमेशा जिंदगी में सोच समझकर निर्णय लेने चाहिए और अच्छा बुरा सोचकर दूसरों के साथ व्यवहार का अमल में लाना चाहिए। संस्कारवान संतान मां-बाप की सबसे बड़ी विरासत होती है। इसलिए सभी लोग अपने मां-बाप के अरमानों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील बने रहे। उन्होंने डायट पर बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे तकरीबन 2 सैकड़ा प्रशिक्षणार्थियों को नैतिक ज्ञान देकर उनके कर्तव्यों से रूबरू कराया। प्रशिक्षणार्थियों ने अपने मन में समाहित सवाल के जबाव मांगे। इस दौरान प्राचार्य आरएस बघेल, उपप्राचार्य गंगा सिंह राजपूत, प्रवक्ता ब्रजेश शाक्य, आरेन्द्र सिंह, अंजीश कमठान, प्रशिक्षणार्थी अनुराग यादव, प्रवेश दिवाकर, गरिमा सिंह, आस्था चौहान, दिव्या भदौरिया, यशीका यादव, मोहम्मद आरिफ, सुधीर कुमार, इन्द्रेश सिंह, प्रतिष्ठा शाक्य, शालिनी पांडेय, रहीन फातिमा, अलंकृता द्विवेदी, समीक्षा, ईशा सिंह, निकिता जैन, मीनू कमल, नीलम, प्रदीप कुमार मौजूद रहे।