एमडीएम का स्वाद लेने नहीं पहुंच रहे बच्चे
मैनपुरी, भोगांव: गर्मियों की छुट्टियों के दौरान स्कूलों में बन रहे मध्यान्ह भोजन योजना के व्यंजनों क
मैनपुरी, भोगांव: गर्मियों की छुट्टियों के दौरान स्कूलों में बन रहे मध्यान्ह भोजन योजना के व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए बच्चों में उत्साह नहीं दिख रहा है। शासन के निर्देश पर स्कूलों को खोलकर प्रधानाध्यापकों द्वारा बनवाया जा रहा एमडीएम खाने के लिए स्कूलों में सन्नाटा पसरा रहा है। मीनू के मुताबिक बनवाए गए भोजन को बच्चों को परोसने के लिए गुरुजनों को उनके घर की दहलीज पर दस्तक देनी पड़ रही है। गर्मी के मौसम में स्कूल तक जाकर भोजन करने के लिए बच्चे बिल्कुल भी जोश नहीं दिखा रहे हैं। ज्यादातर स्कूलों में बनाया हुआ भोजन खराब हो रहा है।
तीन दिन पहले उत्तर प्रदेश मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्रा ने जनपद के आलाधिकारियों को पत्र भेजकर एमडीएम से आच्छादित विद्यालयों में 21 मई से लेकर 30 जून तक चलने वाली गर्मियों की छुट्टियों के दौरान हर रोज 2 घंटे का समय तय कर बच्चों को भोजन परोसने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश के तहत प्रधानाध्यापकों और रसोइयों को हर रोज प्रात: 9 से 11 बजे तक स्कूल में निर्धारित मीनू के मुताबिक भोजन को तैयार कर बच्चों को खिलाना था। शासन के निर्देश पर जिले में इस व्यवस्था की शुरूआत की गई। शुरुआती दिनों में प्रचार-प्रसार के अभाव में बच्चों की संख्या कम रहने से विभागीय अधिकारियों को इसमें सुधार होने की संभावना नजर आ रही थी। लेकिन अब तक भी हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ। विकास खंड सुल्तानगंज क्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति भोजन के लिए ना के बराबर रही। स्कूलों में पहुंचकर गुरुजनों ने भोजन तो बनवाया लेकिन इसका स्वाद लेने के लिए बच्चे यहां पर नजर नहीं आए। छोटा बाजार स्थित प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय मुरलीनगर, रजवाना, छाछा, बनहार, आलीपुरखेड़ा, दलपतपुर, कलयानपुर, रकरी, बरहट, जसराजपुर आदि ग्रामों में स्कूलों में शुक्रवार को एमडीएम का स्वाद चखने के लिए बच्चे नहीं पहुंचे। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी नीरजा चतुर्वेदी ने बताया कि गर्मी के चलते बच्चे घरों से नहीं निकल रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी प्रधानाध्यापकों और रसोइयों को निर्धारित मीनू के मुताबिक शासन के निर्देश का पालन करने का फरमान जारी किया गया है।
शून्य उपस्थिति का जा रहा है ब्योरा
शासन के निर्देश पर गर्मियों में एमडीएम को बनवाने की जिम्मेदारी निभा रहे प्रधानाध्यापक हर रोज मोबाइल के माध्यम से शासन को भेजी जा रही छात्र संख्या में उपस्थिति को शून्य दर्शा रहे हैं। प्रधानाध्यापकों के द्वारा छात्रों के न आने से शासन को उपस्थिति नगन्य भेजने से जल्द ही आदेश में परिवर्तन की आस नजर आ रही है।