एमडीएम बनाने से शिक्षकों ने की तौबा
मैनपुरी : पिछले साल सूखा ग्रस्त घोषित किए गए जिले में इस साल मिड-डे मील से राहत पहुंचाने की शासन की
मैनपुरी : पिछले साल सूखा ग्रस्त घोषित किए गए जिले में इस साल मिड-डे मील से राहत पहुंचाने की शासन की मंशा पर शिक्षकों की मर्जी भारी पड़ रही है। शिक्षकों ने अब गर्मी का हवाला देते हुए मिड-डे मील बंद कराने की मांग जिलाधिकारी से की है।
शासन ने पिछले साल पडे़ सूखा से प्रभावित इलाकों के बच्चों को इस साल मिड-डे मील से राहत पहुंचाने को कहा था। सचिव मध्याह्न भोजन प्राधिकरण श्रद्धा मिश्रा ने इस बावत निर्देश जारी कर सभी परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील बनवाकर बच्चों का पेट भरने के निर्देश दिए थे।
मगर, शिक्षक संगठनों ने शासन की इस व्यवस्था का विरोध किया। बाद में शासन ने संशोधित आदेश पारित कर निर्देश दिया कि जिलाधिकारी अपने विवेक के आधार पर जरुरत वाले विद्यालयों में मिड-डे मील बनवाएं।
शासन के संशोधित आदेश को भी अब शिक्षक संगठनों ने मानने से इनकार कर दिया है। बुधवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। अध्यक्ष राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि जिले में मिड-डे मील बनवाना संभव नहीं है।
शिक्षकों ने तर्क देते हुए बताया कि गर्मी की छुट्टी होने के कारण विद्यार्थी स्कूल नहीं आते हैं। इसके अलावा आठ महीनों से न तो कनवर्जन कास्ट भेजी गई है और न ही रसोइयों को मानदेय दिया गया है। ऐसे में मिड-डे मील का बन पाना मुश्किल है।
प्रतिनिधि मंडल ने इस व्यवस्था को पूरी तरह से अव्यवहारिक और अनुपयोगी बताते हुए जिलाधिकारी से इस व्यवस्था को बंद कराने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में राजेश यादव, मनोज कश्यप, धर्मेद्र चौहान, सुखेंद्र, प्रणवीर सिंह, सुभाष कश्यप, राजेश शाक्य, अनुपम, श्याम किशोर आदि शिक्षक मौजूद थे।