करोड़ों रुपये खर्च, फिर भी बिजली व्यवस्था बे-पटरी
मैनपुरी : जिले की विद्युत व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये बहा दिए फिर भी व्यवस्था में
मैनपुरी : जिले की विद्युत व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये बहा दिए फिर भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है। गर्मी में बिजली की मांग के साथ हो रही ओवर लोडिंग ने बिजली की चाल ही बिगाड़ दी है। कभी भूमिगत केबिल में फॉल्ट तो कभी जबाव देती उपकेंद्रों की मशीनों से घंटो ठप रहती बिजली इन दिनों लोगों को खूब रुला रही है। दिन-रात में 8 से 10 घंटे की कटौती नगर पालिका परिषद की जलापूर्ति भी गड़बड़ा रही है। पानी के लिए लोग हैंडपंपों का सहारा ले रहे हैं।
नगरवासियों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति एवं ओवर लोडिंग से बाधित होती बिजली की समस्या से निजात दिलाने को सरकार ने विभिन्न योजनाओं में करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। लेकिन बिजली कटौती से लोगों का पीछा नहीं छूट रहा है। गर्मी के साथ ही शुरू हुई अंधाधुंध बिजली कटौती ने लोग जूझने को मजबूर हैं।
पोल टूटने से चार घंटे ठप रही बिजली
रविवार को नगर के सिविल लाइन उपकेंद्र से आपूर्ति वाले क्षेत्र सदर बाजार में बांस मंडी के पास बिजली का जर्जर पोल सुबह चार बजे अचानक जड़ से टूट कर तारों पर लटक गया। जिससे कोई हादसा होने के डर से अधिकारियों ने सिविल लाइन क्षेत्र की बिजली बंद कर दी। टूटे पोल को तारों के सहारे दीवाल से बांधकर कर्मचारियों ने चार घंटे बाद 8 बजे आपूर्ति बहाल की। तो लोगों ने राहत की सांस ली।
सिविल लाइन उपकेंद्र से दोपहर 11 बजे बिजली फिर चली गई तो एक घंटे बाद आई 1:50 बजे गई बिजली 3 बजे आई और आधा घंटा चलने के बाद 3:50 पर गई बिजली 5 बजे आई और 5:30 पर फिर गोल हो गई। जिससे उपकेंद्र से आपूर्ति वाले एक दर्जन से अधिक मुहल्लों के लोग घंटों बिना बिजली के गर्मी से जूझते रहे।
पावर हाउस उपकेंद्र से आपूर्ति वाले क्षेत्रों की सुबह 5 बजे बिजली जाने के बाद 6:30 बजे आई ओर 10 मिनट बाद चली गई और आधा घंटा बाद आई। तब तक नगर पालिका परिषद का पानी चला गया। इससे लोगों को पानी के लिए हैंडपंपों का सहारा लेना पड़ा। जिससे लोगों की नींद खराब हुई। पावर हाउस से बिजली आने जाने का क्रम पूरे दिन बना रहा। इससे लोग बिना बिजली के गर्मी में परेशान होते रहे। ऐसा ही हाल अन्य विद्युत उपकेंद्रों का रहा जहां फॉल्ट के नाम पर दिन भर बिजली कटौती जाती रही।
सुबह-शाम की कटौती से बढ़ा पेयजल संकट
नगर में एक सप्ताह से हो रही 8 से 10 घंटे की कटौती से नगर में पानी का संकट विकराल होता जा रहा है। सुबह 6 से 8 बजे व शाम को 4 से 6 बजे तक की जाने वाली नगर पालिका परिषद की जलापूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो रही है। बिजली न आने से पानी की टंकी भरने वाले नलकूप नहीं चल पा रहे हैं। जिससे लोगों को पानी के लिए आसपास लगे हैंडपंपों का सहारा लेना पड़ रहा है।
बंदी के कगार पर उद्योग
नगर में सुबह से ही बिजली की कटौती शुरू होने से जहां नगरवासी परेशान हैं, वहीं उद्योग व्यापार भी प्रभावित हो रहे हैं। बिजली से चलने वाले व्यापार बंदी के कगार पर हैं। बार-बार जाती बिजली के चलते मशीनें चल नहीं पा रही हैं। जिससे लोगों का नुकसान हो रहा है। कुछ तो जनरेटर के सहारे काम चला रहे हैं, लेकिन छोटे दुकानदारों का व्यापार ठप हो रहा है। जिससे बिजली को लेकर व्यापारियों में रोष है।
नहीं बदले गए तिरछे जर्जर पोल
शासन की चेतावनी के बाद भी नगर में दो दर्जन से अधिक तिरछे हो रहे जर्जर पोल हैं जिन्हें बदला नहीं गया है। ऐसे बिजली के पोल टूटने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन विभाग इन्हें बदल नहीं रहा है। नगर के सदर बाजार, लेनगंज, कृष्णा टाकीज रोड करहल रोड, मुहल्ला सराउग्यान सहित गली मुहल्लों में भी दर्जनों पोल वर्षो से तिरछे खड़े हैं। जब भी तेज हवा चलती है या आंधी आती है इन्हीं तिरछे पोल के तार आपस में टकराते हैं और फॉल्ट होने से आपूर्ति बाधित होती है। लेकिन विभाग को इनकी चिंता नहीं है। लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा करोड़ो रुपया दिए जाने के बाद भी शहर की बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है।