सड़क पर निकली केबिलें, व्यवस्था को मारा करंट
मैनपुरी: ये शहर की बिजली व्यवस्था का आईना है। व्यवस्था सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। सड़को
मैनपुरी: ये शहर की बिजली व्यवस्था का आईना है। व्यवस्था सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। सड़कों को दूधिया रोशनी से सराबोर करने के लिए एलईडी लाइटें लगीं। मगर इसमें भी बदहाल व्यवस्था का दीमक लग गया। करोड़ों रुपये की बिजली व्यवस्था मिंट्टी में मिल गई। भूमिगत केबिलें बिछाई गईं, लेकिन उनके तार मानक के मुताबिक जमीन में नहीं दबाए गए। हाल ये हुआ कि चंद माह में ही केबिल उखड़कर ऊपर आ गईं।
सपा सरकार बनने पर बिजली व्यवस्था के दुरुस्तीकरण के लिए करोड़ों रुपये दिए गए। जर्जर तार हटा भूमिगत केबिल बिछाने के निर्देश दिए। भूमिगत केबिलों के साथ दूधिया रोशनी के लिए एलईडी लाइटें लगाई गईं। विभाग ने इस व्यवस्था का जिम्मा निजी कंपनी को दिया। बिजली अधिकारियों की देखरेख में शहर में भूमिगत केबिल डलवाई गईं, लेकिन व्यवस्था धड़ाम हो गई। शहर के स्टेशन रोड, देवी रोड, कृष्णा टॉकीज रोड पर भूमिगत केबिल ऊपर निकली हैं। सप्लाई बॉक्स के ढक्कनों पर ताले नहीं लगाए हैं। जगह-जगह बॉक्स खुले पड़े हैं।
यह थी व्यवस्था
एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि भूमिगत केबिल के लिए गड्ढे खोदकर दोनों ओर खड़ी ईटें लगानी थीं। बाद में इन ईटों के बीच से केबिलों को बिछाकर उसके ऊपर रेत और मिट्टी डालकर दबाना था। खंभों तक करंट ले जाने वाले तारों को पाइपों के सुरक्षा कवच से होकर गुजारा जाना था। खंभे तक करंट के लिए पाइप तो लगाए, लेकिन तारों को बिना ईटें बिछाए दबा दिया। इससे कुछ ही दिनों में केबिल निकल कर बाहर आ गईं। आए दिन सड़क किनारे केबिल किसी न किसी वाहन से उलझ जाती हैं। इससे लोगों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा रहता है। साथ ही केबिल खराब होने का भी डर है।
यहां व्यवस्था भी धड़ाम
खंभों पर जर्जर बिजली के तारों को बदलवाकर सुरक्षा कवच वाले मोटे तार बिछाए जाने थे। मगर शहर में मदार दरवाजा, देवी रोड, ईशन नदी पुल सहित कई स्थानों पर जर्जर तार हादसों को दावत दे रहे हैं। कई स्थानों पर लाइटों का रूट बदलने के लिए बॉक्सों का उपयोग नहीं किया है। क्रिश्चियन तिराहे पर एक खंभे पर लगभग 50 कनेक्शन खुले पडे़ हैं।
अधिकारी कहिन
कार्यदायी संस्था ने विद्युतीकरण का कार्य कराया है। तीन साल काम की गारंटी है। कहीं भी शिकायत मिलने या कार्य में लापरवाही होने पर कार्यदायी संस्था ही उसे सही कराएगी।
एके पांडेय, अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण निगम, मैनपुरी।