धनराशि खर्च करने में परिवहन विभाग फेल
मैनपुरी : सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन महकमा कतई गंभीर नहीं है। वित्तीय वर्ष खत्म होने को है, लेकिन जा
मैनपुरी : सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन महकमा कतई गंभीर नहीं है। वित्तीय वर्ष खत्म होने को है, लेकिन जागरुकता के लिए शासन द्वारा दी गई धनराशि विभाग अभी तक खर्च नहीं कर पाया है। साल भर से संरक्षित कर रखी गई धनराशि को लेकर अब विभाग का सिरदर्द बढ़ता जा रहा है।
मौजूदा वित्तीय वर्ष 2014-15 में सड़क सुरक्षा के नाम पर शासन द्वारा परिवहन विभाग को तकरीबन तीन लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई थी। इस धनराशि का उपयोग लोगों को जागरूक करने के लिए किया जाना था। परिवहन आयुक्त के रवींद्र नायक ने इस संबंध में बाकायदा निर्देश भी दिए थे।
जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय द्वारा लोगों को सड़क नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा। उपलब्ध कराई गई धनराशि के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों में विचार गोष्ठियों का आयोजन कराया जाना था। सड़कों के किनारे होर्डिग और बैनर लगवाकर लोगों को सड़क नियमावली की जानकारी देनी थी।
वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है, मगर विभाग द्वारा अभी तक धनराशि खर्च नहीं की जा सकी है। अब विभागीय अधिकारी बची हुई धनराशि को खर्चने के लिए माथापच्ची कर रहे हैं। महकमा इस बात को लेकर परेशान है कि जो धनराशि साल भर में विभिन्न माध्यमों से खर्च की जानी थी, उसे अब एक साथ कैसे खर्चा जाए।
विभाग की परेशानी इस से और भी ज्यादा है कि विद्यालयों में बोर्ड की परीक्षाएं चलने से विद्यार्थी स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में किस विद्यालय में पहुंचकर विचार गोष्ठियों का आयोजन करे।
अधिकारी कहिन
'हमने अभी जिम्मेदारी संभाली है। इससे पूर्व जो अधिकारी थे, उन्होंने धनराशि का कैसे व्यय किया, इसकी जानकारी नहीं है। हां, शासन की मंशा के अनुरूप कार्य कराकर लोगों को सड़क नियमों के प्रति जागरूक कराया जाएगा।'
प्रदीप कुमार, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, मैनपुरी।