उपकेंद्र पर मरीजों की जगह दिखती हैं भैंसें
मैनपुरी: प्रसूताओं को बेहतर इलाज के लिए भटकना न पडे़, इसके लिए उपकेंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहै
मैनपुरी: प्रसूताओं को बेहतर इलाज के लिए भटकना न पडे़, इसके लिए उपकेंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। मगर, देखरेख के अभाव में स्वास्थ्य सुविधाएं विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ती जा रही हैं। उप केंद्र खटिकपुर ऐसी ही विभागीय व्यवस्था का शिकार बना हुआ है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुचेला के अंतर्गत उपकेंद्र खटिकपुर का निर्माण वर्ष 2008-09 में कराया गया था। व्यवस्था की गई थी कि इस उपकेंद्र पर प्रसूताओं का नियमित टीकाकरण कराने के साथ प्रसव की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्त आवश्यक उपकरणों के अलावा मेडिकल किटों का भी इंतजाम कराया गया था।
अब जरा हाल देखिए, बीमारों का इलाज करने वाला यह उपकेंद्र खुद दुर्दशा का शिकार है। केंद्र पर मरीज और प्रसूताओं के स्थान पर भैंसों जमावड़ा ज्यादा रहता है। ग्रामीण उपकेंद्र के आसपास अपने मवेशियों को बांधते हैं। शरारती तत्वों द्वारा उपकेंद्र में लगी खिड़कियां और अधिकांश सामान गायब कर दिया गया है। चिकित्सक के कक्ष के बाहर लगे दरवाजे दीमकों का निवाला बनते जा रहे हैं। दरवाजों के बाहर हरी झाड़ियां उगी हुई हैं। रही-सही इमारत को ग्रामीणों ने अपने उपयोग में ले रखा है। उप केंद्र की दीवालों को ग्रामीणों ने पतेल और कूड़ा-कचरे से पाट रखा है।
अधिकारी कहिन
'अभी छह महीने पहले ही मैंने जिम्मेदारी संभाली है। उपकेंद्र का संचालन प्रतिदिन होना चाहिए। यहां प्रसूताओं के प्रसव से लेकर टीकाकरण तक की व्यवस्था है। लापरवाही बरते जाने की अभी तक किसी ने शिकायत नहीं की है। अब मामला संज्ञान में आया है। एएनएम से इस संबंध में पूरी जानकारी की जाएगी। बाद में रिपोर्ट को आलाधिकारियों तक भेजा जाएगा।'
डॉ. प्रदीप यादव, प्रभारी चिकित्सक।