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शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जुटेंगे साहब

मैनपुरी, भोगांव: प्राथमिक शिक्षा की बदहाल तस्वीर को बदलने के लिए शासन ने नई पहल की है। अब शिक्षा विभ

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 06:21 PM (IST)
शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जुटेंगे साहब

मैनपुरी, भोगांव: प्राथमिक शिक्षा की बदहाल तस्वीर को बदलने के लिए शासन ने नई पहल की है। अब शिक्षा विभाग से जुडे़ सभी उच्चाधिकारियों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास करना होगा और दो विद्यालय चिन्हित कर उन्हें आदर्श बनाने के लिए कवायद करनी होगी। इन विद्यालयों में शिक्षा के स्तर के साथ-साथ भौतिक संसाधनों एवं बुनियादी सुविधाओं के स्तर को भी सुधारा जाएगा। शासन के निर्देश के बाद बीएसए, डायट प्राचार्य एवं सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दो-दो विद्यालय आदर्श बनाने के लिए गोद लेने होंगे।

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गौरतलब है कि परिषदीय प्राथमिक शिक्षा की बदहाल व्यवस्था को लेकर स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व विभागीय मंत्री रामगोविन्द चौधरी कई बार चिंता जाहिर कर चुके हैं। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए सीएम के द्वारा किए जा रहे प्रयासों को परवान चढ़ाते हुए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने नई पहल की है। अब सभी विभागीय अधिकारियों को विद्यालयों में गुणवत्ता के विकास के लिए अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। जनपद स्तरीय सभी अधिकारियों को दो-दो विद्यालय गोद लेने होंगे और इन विद्यालयों को अपनी निगरानी में आदर्श विद्यालय के मानकों के अनुरूप बनाने के लिए प्रयास करना होगा। अधिकारियों को विद्यालय को आदर्श बनाने के लिए सभी आवश्यक उपायों पर मंथन करना होगा और इसके साथ ही बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के प्रयास करने होंगे। एससीईआरटी के इस निर्देश में डायट प्राचार्य, बीएसए, सभी एबीएसए को दो-दो विद्यालय गोद लेने होंगे और उन्हें आदर्श बनाने की कवायद शुरू की जाएगी। शासन का फरमान मिलते ही अधिकारियों ने दो-दो विद्यालय चिन्हित करने की कवायद शुरू कर दी है। डायट प्राचार्य आरएस बघेल ने बताया है कि पत्र के संबंध में सभी एबीएसए को भी अवगत करा दिया गया है और 26 दिसम्बर से पहले गोद लिए गए विद्यालयों की सूची शासन को भेज दी जाएगी। इसके बाद इनके कायाकल्प और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए काम किया जाएगा।

इन बिन्दुओं पर होगा काम

आदर्श विद्यालय बनाने के लिए अधिकारियों को अपनी देखरेख में बच्चों के शैक्षिक स्तर, नामांकन, उपस्थिति, शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाना होगा। इसके अतिरिक्त आदर्श विद्यालय में रंगाई-पुताई खेल आयोजन, भवन सुंदरीकरण, एमडीएम, सफाई स्वच्छता के मानकों का भी स्तर सुधारना होगा।


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