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प्रभु का स्मरण करने से मिलता आनंद

मैनपुरी (भोगांव): प्रभु का स्मरण करने से व्यक्ति को एक अलग आनंद की अनुभूति होती है। सच्चे मन से की ग

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 06:48 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 06:48 PM (IST)
प्रभु का स्मरण करने से मिलता आनंद

मैनपुरी (भोगांव): प्रभु का स्मरण करने से व्यक्ति को एक अलग आनंद की अनुभूति होती है। सच्चे मन से की गई आराधना कभी व्यर्थ नहीं जाती है और व्यक्ति को मनवांछित सुख की प्राप्ति हो जाती है। मानव का जीवन प्रभु की भक्ति और उसकी प्राप्ति के लिए मिला है। इसलिए सभी को प्रभु का स्मरण नियमित तौर पर करना चाहिए।

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उक्त विचार गुरुकुल विद्यापीठ सुल्तानपुर के प्राचार्य डॉ. शिवदत्त पांडेय ने नगर के आर्य समाज मंदिर में चल रहे वार्षिकोत्सव के दौरान व्यक्त किे। उन्होंने कहा कि ईश्वर की आराधना के साथ-साथ व्यक्ति को ईश्वरीय गुणों को अपने जीवन में आत्मसात अवश्य करना चाहिए। प्रभु को पवित्र बताते हुए विद्वान ने कहा कि उन्हें प्राप्त करने के लिए पवित्र अंत:करण की आवश्यकता होती है। छलकपट, ईष्र्या, द्वेष, मदमोह से परिपूर्ण व्यक्ति के अंदर प्रभु की भक्ति कभी समाहित नहीं हो सकती। जीवन रूपी संघर्ष में व्यक्ति को सफलता पाने के लिए परमात्मा का अपना साथी बनाना चाहिए। हरियाणा की आर्य विद्वान अंजली आर्या ने कहा कि मनुष्य को अपने सभी कार्यो को सच्चे मन से करना चाहिए। आज के भौतिकवादी परिवेश में व्यक्ति को सही और गलत के चिंतन और मंथन पर जोर देना चाहिए। आतंकवाद अनाचार, अत्याचार के लिए उन्होंने व्यक्ति की गलत आदतों को जिम्मेदार ठहराते हुए अपने आचरण में सुधार लाने का आह्वान किया। उन्होंने व्यक्ति को अपने मन में हमेशा सभी के कल्याण और सुख की भावना को प्रधानता देने के लिए प्रेरित किया। पूर्व में आयोजित हवन यज्ञ में यजमान डॉ. यज्ञमित्र, करोड़ीलाल वर्मा, रावल सिंह यादव, विशाल गुप्ता, विमल यादव को आर्य विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आहुतियां दिलवाई। स्वागताध्यक्ष रामौतार सिंह यादव, कार्यक्रम संयोजक विष्णुमित्र ने बाहर से आए आर्य विद्वान डॉ. शिवदत्त पांडेय, रघुनाथ देव, रविन्द्र, अंजली आर्य को वेद पुस्तक देकर सम्मानित किया। इस दौरान आचार्य रघुनंदन सिंह, गोपालदास लोधी, वीरेन्द्र शर्मा, रमेश शाक्य, दयाराम आर्य, बांकेलाल आर्य, सत्यव्रत दीक्षित, मुकेश यादव, डॉ. आभा जैन, चन्द्रप्रकाश यादव, राजेन्द्र किशोर गुप्ता, कुंवरसेन, हृदेश पांडेय, अवधेश यादव, राधेश्याम वर्मा, देवमित्र, डॉ. आशा सक्सेना, शिवसिंह आर्य, चंद्रप्रभा मिश्रा, विनोद यादव आदि मौजूद थे।


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