शिक्षा से करें जीवन का अंधेरा दूर
मैनपुरी: पांच दिवसीय दीपोत्सव के पहले दिन मंगलवार को ही विद्यालयों में दीपावली जैसा माहौल दिखाई दिया
मैनपुरी: पांच दिवसीय दीपोत्सव के पहले दिन मंगलवार को ही विद्यालयों में दीपावली जैसा माहौल दिखाई दिया। बच्चों ने छुट्टी होते ही पटाखे छुड़ाए तो उनका मुंह मीठा भी कराया गया। कई विद्यालयों में मेंहदी और रंगोली प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई।
एसबीआरएल सीनियर सेकेंडरी एकेडमी में दीप सजाओ प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें विद्यालय के सीनियर वर्ग के छात्र-छात्राओं ने बेहतर दीप सजाए। विद्यालय के बच्चों ने जमकर पटाखे चलाए और यह भी संदेश दिया कि स्वदेशी अपनाएं और विदेशी भगाएं।
प्रधानाचार्य स्तुति गुप्ता ने कहा कि हमें अपने घरों में मोमबत्ती की जगह मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए। जिससे छोटे मोटे व्यापारियों को आर्थिक मदद मिल सके। इस मौके पर निदेशक अनुपम गुप्ता, प्रतीक कुमार, दीक्षा यादव, इब्रा खान, आइल खान, लखमनी रतन, आराध्या चौहान, कृष्णा शर्मा, नियति यादव आदि मौजूद थे।
चौधरी सूरज सिंह महाविद्यालय जागीर में बीएड संकाय के छात्र-छात्राओं ने रंगोली प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। महाविद्यालय सचिव अवधेश यादव ने कहा कि दीपावली के पावन पर्व पर हम सब मिलकर खुशियां बांटे। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. रवि प्रताप सिंह चौहान, प्रभाकर शर्मा, उपेंद्र यादव, रमेश यादव, पूनम गुप्ता, आराधना त्रिपाठी, प्रकाश भानू, सत्य प्रकाश शर्मा, भूपेंद्र सिंह मौजूद थे।
अमन इंटर नेशनल विद्यालय में बच्चों ने भगवान राम, लक्ष्मण, सीता, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी के स्वरुप बनाए गए। प्रबंधक नितिन चौहान ने कहा कि दीपावली का पर्व सुख और समृद्धि लेकर आता है। मां लक्ष्मी को श्रद्धापूर्वक पूजा करें। ताकि हम सब सुख और समृद्धि की ओर अग्रसर हो। कार्यक्रम में डायरेक्टर सुमन चौहान, सचिन चौहान, कमलेश चौहान, जितेंद्र चौहान, अनूप शुक्ला, उमा मिश्रा, सोनल मिश्रा, शिखा राठौर, नेहा राठौर, निहारिका, सरिता, मुनीश चंद्र, खुर्शीद, जीनू, जस्टिन रैम्या, सचिन सक्सेना आदि मौजूद थे।
बीएनएल पब्लिक एकेडमी में बच्चों को चायनीज सामान का बहिष्कार करने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में प्रबंधक संजीव यादव, प्रधानाचार्य श्रीमती निवेश आदि मौजूद थे।
एसएसडी एकेडमी घिरोर में दीपावली के पर्व पर बच्चों द्वारा रंगोली बनाई गई। प्रबंधक सर्वेश गुप्ता ने कहा कि दीपावली का पर्व उजाले का पर्व हैं हम अपने जीवन का अंधेरा शिक्षा से ही समाप्त कर सकते हैं।