कोरी चादर है, ओढ़ने की मत सोचो
मैनपुरी, कुसमरा : शिक्षाविद स्व. वीरभान सिंह यादव की 61वीं जयंती पर महाविद्यालय में आयोजित कवि सम्मे
मैनपुरी, कुसमरा : शिक्षाविद स्व. वीरभान सिंह यादव की 61वीं जयंती पर महाविद्यालय में आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ जिला विद्यालय निरीक्षक आरपी यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
शुरूआत आगरा से आई कवियित्री चेतना शर्मा ने मां शारदा का वंदना गाकर किया। उन्होंने कहा कि बहते दरिया को मोड़ने की मत सोचो, कोरी चादर है इस ओढ़ने की मत सोचो। कलकत्ता के विनय शुक्ला ने काव्यपाठ करते हुए कहा कि साल दर साल झेलते रहे गुलामी हम, दूसरी आजादी वाला यह साल आ गया। आगरा के लटूरी सिंह लठ ने देश की आजादी पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में जिसने जितना योगदान दिया उसे उतनी इज्जत मिली है।
गीतकार बलराम श्रीवास्तव ने कहा कि प्यार के प्रतिदान की इज्छा नही रखते। सतीश मधुप ने कहा कि हैवानों की चाहत है कि हम उन्हें श्रीमान कहें, शैतानों की चाहत है की हम उन्हें जगत की शान कहें। इनके अलावा सरबस मुरसानी, ओमप्रकाश शुक्ल, डॉ.पदम सिह पदम, अशोक अनुरागी, रंजीत सिह ने भी काव्य पाठ किया।
इससे पूर्व आयोजक हरेंद्र यादव व दुष्यंत यादव ने सभी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस मौके पर केसी यादव, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र सिंह यादव, हरपाल सिह यादव, पं. ज्ञान जी शुक्ला, जगराम सिंह, प्रमोद तिवारी, अवधेश यादव, राघवेंद्र सिसोदिया, अनीता देवी, राकेश सिंह अमित चौहान, लालू यादव, डैनी यादव, सूबेदार यादव मौजूद थे।
फोटो नं.20मेन31.जेपीजी