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चलो सीमाओं पर कुछ यार बो दें..

मैनपुरी:: होली पब्लिक स्कूल में कवि रमेश चंद्र वर्मा स्मृति में आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने अप

By Edited By: Published: Wed, 01 Oct 2014 07:39 PM (IST)Updated: Wed, 01 Oct 2014 07:39 PM (IST)
चलो सीमाओं पर कुछ यार बो दें..

मैनपुरी:: होली पब्लिक स्कूल में कवि रमेश चंद्र वर्मा स्मृति में आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाओं से देश की व्यवस्था पर जमकर प्रहार किए। गोष्ठी में काव्य ग्रंथ मन सीपी हो जाए का विमोचन भी किया गया।

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कवि धर्मेद्र सिंह धर्म ने कहा कि चलो सीमाओं पर कुछ यार बो दें, गोली और बम की जगह कुछ प्यार बो दें। हरिओम तिवारी ने पढ़ा-बेरन फुआरें तन मन तरसावे, बदरा अटरिया को चूम चूम जावे। कवि हरिओम प्रकाश वर्मा ने पढ़ा-चढ़ गए शीश जो मां के बलिदान में सिर झुकाऊंगा उनके नमन के लिए। कवि सतीश दुबे ने पढ़ा-राष्ट्र सेवक बनो और भलाई करो, सबके दिल में समा जाओंगे। कवि राजेंद्र तिवारी ने कहा-मानवों की भली भूल है जिंदगी, फूल है तो कहीं शूल है जिंदगी। कवि बालकराम राठौर ने पढ़ा-मेरी ऊंची अटरिया पर आना प्रिय, दिल से दिलदार का दीदार हो जाएगा। कवि कल्पना द्विवेदी ने पढ़ा- मां जगजननी दुरित शमनी, पार भव से कीजिए। कवि गिरीश निरालाने पढ़ा-सदा धोखा वही करता जो अपना खास होता, वहां विष भी छुपा होता है जहां विश्वास होता है।

कार्यक्रम में डॉ. राकेश रवि के काव्य ग्रंथ मन सीपी हो जाए का विमोचन वरिष्ठ साहित्यकार जगतप्रकाश चतुर्वेदी ने किया। इस मौके पर श्रीकृष्ण मौर्य, श्रीकृष्ण मिश्र, डॉ. राकेश रवि, श्रीचंद्र शर्मा, लाखन सिंह भदौरिया, किशन बहादुर उपाध्याय, विजेंद्र सरल, बदन सिंह मस्ताना, मुरारी लाल दीपक, हाकिम सिंह यादव, सत्यसेवक मिश्र, जीपी त्रिपाठी, उमेश दुबे, एमएस कमठान, अभय शर्मा, विद्या सागर शर्मा, विनोद महेश्वर आदि मौजूद थे।


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