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अधिकारी-कर्मचारी की भरमार, फिर भी समाज के कल्याण की दरकार

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 07:31 PM (IST)
अधिकारी-कर्मचारी की भरमार, फिर भी समाज के कल्याण की दरकार

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: समाज का कल्याण करने की जिम्मेदारी निभाने वाले समाज कल्याण विभाग में अधिकारी, कर्मचारियों की भरमार है। फिर भी लोगों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभाग की अधिकांश योजनाओं पर दलालों का कब्जा है। जब तक वह फॉर्म भरकर रिपोर्ट नहीं लगवाते हैं, किसी योजना का लाभार्थी को लाभ नहीं मिलता।

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समाज कल्याण विभाग के प्रत्येक विकास खंड में एक-एक सहायक समाज कल्याण अधिकारी तैनात हैं। जिनको विकास खंड स्तर पर लाभार्थियों का चयन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में प्रत्येक पटल पर बाबू बैठे हैं। जो लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए चक्कर लगवाने का काम करते हैं। विभाग में लिपिकों की कमी न होने के बाद भी एक उर्दू अनुवादक वृद्धा पेंशन और शादी अनुदान जैसे महत्वपूर्ण पटल पर कब्जा जमाए हैं। जिसकी दलालों से सांठगांठ होने की वजह से अधिकारी उसे मूल पद पर भेजने की कोशिश भी नहीं करते हैं।

इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी विवेक वाजपेयी का कहना है कि पेंशन व राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के संचालन में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो रही है। दलालों पर कड़ाई से नजर रखी जा रही है। ताकि लाभार्थी को उसका हक मिल सके।


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