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ढक्कन तीन रुपये का, वसूल रहे दस

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 06:45 PM (IST)
ढक्कन तीन रुपये का, वसूल रहे दस

मैनपुरी : रसोई गैस सिलेंडरों में कमाई का रोज नया फंडा सामने आ रहा हे। एजेंसी में यदि उपभोक्ता बच गया तो हॉकर वसूली कर लेते हैं। अब सिलेंडर के ऊपर लगने वाले ढक्कन के नाम पर भी वसूली तेज हो गई है। तीन रुपये के इस ढक्कन के उपभोक्ता से दस से 12 रुपये वसूले जा रहे हैं।

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ऑयल कंपनी के नियम कहते हैं कि गैस सिलेंडर पर लगा ढक्कन टूट जाने पर उपभोक्ता को बतौर चार्ज 3 रुपये देने होते हैं। यही नहीं ढक्कन के बदले लिए गए शुल्क की रशीद भी हॉकर को देनी होती है। लेकिन गैस एजेंसियों से संबद्ध हॉकर इन नियमों का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। हॉकर उपभोक्ताओं से सिलेंडर के टूटे ढक्कन के नाम पर 10 से 12 रुपये वसूल रहे हैं।

बालाजीपुरम निवासी उपभोक्ता दीपक शर्मा का बीपी गैस एजेंसी में कनेक्शन है। वह कहते हैं कि कई बार ढक्कन टूट जाता है। हॉकर हर बार दस रुपये ले जाता है। एक ढक्कन का दस रुपये ज्यादा है, यह कहने पर हॉकर ढक्कन न देने की बात पर अड़ जाता है। मजबूरन उसे दस रुपये देने पड़ते हैं।

'ढक्कन विहीन खाली सिलेंडर देने वाले उपभोक्ता को ढक्कन का चार्ज देना पड़ता है। इसके लिए हॉकर द्वारा उपभोक्ता को बाकायदा रसीद भी उपलब्ध करानी होती है। अब यह उपभोक्ताओं की भी जवाबदेही है कि वे रसीद प्राप्त करें।'

सतीश चौहान, चंद्रा गैस एजेंसी।

क्या बोले लोग

सबसे ज्यादा कालाबाजारी तो हॉकर ही करते हैं। कभी सिलेंडर में गैस कम पहुंचाते हैं तो कभी उसमें पानी डाल देते हैं। शिकायत करो तो एजेंसी से सिलेंडर लेने की बात करते हैं।

रवि शर्मा।

सिलेंडरों में मानक भी पूरे नहीं होते हैं। एजेंसियों से जो सिलेंडर दिए जाते हैं, उनमें अक्सर एक्सपायरी डेट लिखी होती है। सावधानियों की भी कोई जानकारी नहीं दर्ज की जाती।

संतोष कुमार।

मोबाइल से जब भी सिलेंडर बुक कराया जाता है तो एक रिफरेंस नंबर दिया जाता है। बाद में दिए गए समय पर सिलेंडर नहीं पहुंचाया जाता है।

संदीप कुमार।

गोदाम से सिलेंडर लेने पर 16.50 रुपये की छूट नहीं दी जाती है। एजेंसियों पर भी इसकी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

आलोक गुप्ता।

इनबॉक्स

अधिकारियों को गैस एजेंसियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाना होगा। जब तक अधिकारी इस ओर कदम नहीं उठाएंगे कालाबाजारी नहीं रुक सकती।

रामकुमार गुप्ता, मैनपुरी।

लंबे अरसे से अफसरों ने गैस एजेंसियों पर छापेमारी नहीं की है। ऐसे में एजेंसी संचालक भी बेखौफ हैं। बड़े पैमाने पर गैस की कालाबाजारी की जा रही है।

राजदीप शर्मा, मैनपुरी।


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