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झोपड़ी में लगी आग में जिंदा जला बालक

By Edited By: Published: Thu, 17 Apr 2014 08:44 PM (IST)Updated: Thu, 17 Apr 2014 08:44 PM (IST)
झोपड़ी में लगी आग में जिंदा जला बालक

मैनपुरी, बेवर: बुधवार रात झोपड़ी में अचानक आग लगने से बालक की जलकर मौत हो गई। पिता ने गांव के ही युवक के खिलाफ आग लगाने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

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बेवर के गांव काजीहार निवासी धर्मवीर सिंह पल्लेदार हैं। बुधवार रात उनका सात वर्षीय पुत्र शैलेंद्र कुमार झोपड़ी के अंदर सो रहा था। पत्नी रेशमा व अन्य परिजन बाहर सो रहे थे। रात करीब 11.30 बजे पड़ोसियों ने झोपड़ी में आग की लपटें देखी। शोर सुनकर परिजन जाग गए। किसी तरह ग्रामीणों ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक शैलेंद्र की आग में जलकर मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। धर्मवीर ने गांव के श्याम सिंह पर रंजिश में आग लगाने का मुकदमा दर्ज कराया। थानाध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि आरोपी की तलाश की जा रही है।

राख हो गए पिता के सपने

पल्लेदारी का काम कर बुधवार रात करीब 12 बजे धर्मवीर अपने घर पहुंचा। तब तक झोपड़ी राख हो चुकी थी। उसके सपने भी खाक हो गए। शैलेंद्र इकलौती संतान था।

पिता के साथ न कर सका भोजन

धर्मवीर ने बताया कि शाम से ही उसका पुत्र बार- बार फोन कर उसे घर आकर साथ खाना खाने की कह रहा था। मंडी में काम अधिक होने से वह पुत्र के बुलाने पर नहीं आ सका।

झोपड़ी में कूदने की कोशिश करती रही मां

बेटे को झोपड़ी में जिंदा जलते देख रेशमा का कलेजा बैठ गया। वह बेटे को बाहर निकालने के लिए बार- बार जलती झोपड़ी में घुसने की कोशिश कर रही थी। आसपास मौजूद लोग उसे ऐसा करने से रोक लेते थे। रेशमा बार-बार अपने को कोस रही थी कि उसने बेटे को झोपड़ी के अंदर अकेला क्यों सुला दिया।

अब नहीं बनवा सकेगा मकान

धर्मवीर का परिवार झोपड़ी में रहता था। धर्मवीर व उसके भाई प्रदीप ने पल्लेदारी करते हुए 45 हजार रुपये बचाए थे। इससे एक पक्का कमरा बनाना चाहता था। आग से झोपड़ी में रखी नकदी भी जल गई।

पुलिस पर लापरवाही का आरोप

धर्मवीर ने बताया कि तीन महीने पहले आरोपी श्याम सिंह ने उसके भाई प्रदीप के साथ मारपीट की थी। इसमें प्रदीप घायल हो गया था। घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वह प्रदीप को लेकर थाना बेवर गया था, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। इसी के चलते श्याम सिंह का हौसला बढ़ गया और उसने झोपड़ी में आग लगाकर उसके पुत्र को मार डाला। इस संबंध में थानाध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि दोनों पक्षों में विवाद हुआ था, लेकिन उन्होंने थाने आकर समझौता कर लिया था। इसलिए घटना की रिपोर्ट पंजीकृत नहीं की गई थी।


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