दुकानें ढहने के मामले में आरोपियों ने किया समर्पण
जागरण संवाददाता, महोबा : ढाई वर्ष पूर्व शहर के गांधीनगर में दुकानें ढहने के चर्चित मामले में नौ सरद
जागरण संवाददाता, महोबा : ढाई वर्ष पूर्व शहर के गांधीनगर में दुकानें ढहने के चर्चित मामले में नौ सरदारों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है। कुछ की जमानत होने के बाद अभी भी कई कारागार में हैं। बता दें कि ढाई साल पूर्व शहर के गांधीनगर निवासी प्रेमनाथ शर्मा की जर्जर दुकानों को प्रशासन ने गिरवा दिया था। उस समय किराएदारों ने जमकर हंगामा किया था। किराएदार सरदारों का कहना था कि यह कार्रवाई बेवजह की गई है।
इस मामले में पुलिस ने दर्जन भर नामजद और करीब 40-50 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। लंबे समय तक गिरफ्तारी न होने पर न्यायालय द्वारा इस मामले में वारंट जारी किए गए थे। इसके बाद पुलिस दबाव के चलते इस मामले में आरोपी बनाए गए हरजीत ¨सह, जसपाल, गुरुजीत, हरनीत, बलवीर, र¨मदर सहित 9 लोगों ने न्यायालय में दो दिन पूर्व आत्मसमर्पण किया है। जिस पर अदालत द्वारा सभी को जेल भेज दिया गया। हालांकि इनमें सभी की जमानत स्वीकार कर ली गई। इनमें हरजीत ¨सह, मनमोहन व गुरमीत ¨सह पांच के जमानतदारों का सत्यापन न होने के कारण वह जेल में ही हैं। शेष जमानत पर रिहा हो चुके हैं। ईद का अवकाश होने के कारण माना जा रहा है कि उन्हें अभी कुछ दिन और जेल में रहना पड़ सकता है। बता दें कि प्रेमनाथ शर्मा की दुकानें जर्जर हो गई थीं जिस पर दुर्घटना की संभावना को देखते हुए न्यायालय ने दुकानों के ध्वस्तीकरण के आदेश दिए थे। बाकी दुकानदारों ने दुकानें खाली कर दी थीं लेकिन दिलीप ¨सह, हरनीत व मनमोहन ने अपनी दुकानों को खाली नहीं किया था। जिस पर दुकानें ढहाई गई थीं। इसी मामले में दुकानदारों और उनके सहयोगियों को आरोपी बनाया गया था।