पायलिया छनकन दे, ओ मैया बचपन दे
महोबा जागरण संवाददाता: हमेशा तंग दिल दानी स्वरों से फासला रखना, मणि मिल जाये तो क्या सांप डसना छोड़
महोबा जागरण संवाददाता: हमेशा तंग दिल दानी स्वरों से फासला रखना, मणि मिल जाये तो क्या सांप डसना छोड़ देता है, मासूम गाजियाबादी
की कविता के साथ चेतन नितिन खरे की, महापुरुष बोलो कब विचलित होते हैं बाधाओं से, क्रान्ति पुरोद्धा हाथ मिलाते हैं विपरीत हवाओं से, ने सभी के दिलों को छू लिया।
महोबा जिले के गांव सिचौरा में तीन दिवसीय रामलीला एवं कल्पतरु कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ। जिसमें देश के विभिन्न अंचल से आये कलाकारों और कवियों ने प्रस्तुति दी । ग्रेटर नोएडा के ओजस्वी मंच संचालक राष्ट्रीय कवि अमित शर्मा के स†चालन एवं कवि 'चेतन' नितिन खरे के संयोजन में कवि सम्मेलन का शुभारंभ पूर्व शिक्षा मंत्री रवीन्द्र शुक्ल एवं सज्जन दास महाराज ने दीप प्रज्जवलन व मा शारदे की प्रतिमा में माल्यार्पण के साथ किया। कवि पंकज पाठक (झांसी) की कविता के साथ शुरू हुआ कवि सम्मेलन देर शाम होते होते बुलन्दियों तक पहुंचा। कवि अमित शर्मा ने महोबा जिला एवं देश के युवाओं को संबोधित करते हुए अपनी कविता में कहा, युवा देश का जब जब रण में अपनी ताकत तोलेगा,
चप्पा चप्पा इस धरती का वंदे मातरम बोलेगा'। कवि प्रभात परवाना (फरीदाबाद) ने कहा, छोटी सोच से ऊपर उठकर काम बड़ा करना होगा,
कवि रवीन्द्र शुक्ल ने देश की विभिन्न समस्याओं का जिक्र किया । हरियाणा से आयीं कवित्री दिव्या ज्योति ने बेटियों के ऊपर लिखी कविता सुनाकर सबको रुला दिया । पायलिया छनकन दे, ओ मैया बचपन दे। कार्यक्रम के मुख्य सहयोगी श्री मुकेश शर्मा जी ने सभी का आभार व्यक्त किया । महोबा भाजपा के वटवृक्ष कहे जाने वाले कवि हृदय भागवत प्रसाद गुप्ता जी, श्रीमती विमला दीक्षित जी (महोबा), सुखलाल नाना जी (कबरई),नरेंद्र मिश्रा जी (महेवा, महोबा), ते•ा शिवहरे जी (कबरई), अमित सेंगर जी (महेवा), निर्भाल ¨सह जी (लिलवाही) सहित कई प्रमुख क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे ।