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पानी के अभाव में सिसक रहे तालाब

महराजगंज: जल संचयन के लिए लाखों रुपये खर्च कर मनरेगा के तहत खोदे गए तालाब अपने उद्देश्यों में नकारा

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 12:46 AM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 12:46 AM (IST)
पानी के अभाव में सिसक रहे तालाब
पानी के अभाव में सिसक रहे तालाब

महराजगंज: जल संचयन के लिए लाखों रुपये खर्च कर मनरेगा के तहत खोदे गए तालाब अपने उद्देश्यों में नकारा साबित हो रहे हैं। पानी की तलाश में निकले प्यासे जानवर व पक्षी सूखे तालाबों की दशा देख ठिठक जा रहे हैं। उन्हें नहीं समझ में रहा है कि आखिर सूखते गले को तर करने के लिए चिलचिलाती धूप में वे कहां जाएं। नौतनवा ब्लाक के ग्राम सभा परसामलिक में तालाब की स्थिति आमजन व जिम्मेदारों की लापरवाही को प्रदर्शित कर रहा है। ध्यान न दिए जाने से यह तालाब सूख गया है। तेजी से गिरते भूजल स्तर को संतुलित करने के लिए शासन ने खेल मैदान बन चुके पोखरों और तालाबों के जीर्णोद्धार का वीणा उठाया, तो लोगों को लगा कि अब पालतू व घुमंतू मवेशियों को प्यास बुझाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अपने गांव के सीवान में ही जानवरों को चारे के साथ पानी और छाया भी उपलब्ध हो जाएंगी, लेकिन उनकी यह सोच धरातल पर कम कागजों में ज्यादा उपयोगी साबित हुई। कारण है कि जिन लोगों के हाथ में तालाबों का सुंदरीकरण कर जल संचयन करने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने अपनी भूमिका संजीदगी से नहीं निभाई। तालाबों की सफाई कराने के बाद वे इनकी तरफ नजर उठाकर देखने से भी परहेज कर रहे हैं। यही कारण है कि तालाबों की जमीनी हकीकत देख ढ़ेरे सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसका जबाब ब्लाक स्तरीय अधिकारियों से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों के पास भी नहीं है। नतीजा यह है कि पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए खोदे गए तालाब सफाई के कुछ माह बाद ही रख-रखाव के अभाव में जलकुंभी से पटते चले गए। अब तो तालाब बूंद भर पानी के अभाव में उदास पड़े हैं। बावजूद इसके प्यास बुझाने की उम्मीद पाले भैंस, गाय, बैल, बकरी, कुत्ते व अन्य दूसरे मवेशियों के अलावा बड़ी संख्या में पक्षियों को भी हर रोज तालाबों के करीब झुंड के झुंड मंडराते देखा जा सकता है, लेकिन सूखते तालाब में वे अपनी प्यास कैसे बुझाएं। प्रभारी बीडीओ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि जल संचयन के लिए सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं।


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