अधर में डोर स्टेप डिलेवरी योजना
महराजगंज : प्रदेश सरकार द्वारा बीते अप्रैल में जोर-शोर से शुरू की गई डोर स्टेप डिलेवरी योजना 11 माह
महराजगंज : प्रदेश सरकार द्वारा बीते अप्रैल में जोर-शोर से शुरू की गई डोर स्टेप डिलेवरी योजना 11 माह बाद भी लागू नहीं हो पाई। इस योजना का उद्देश्य ब्लाक गोदाम से खाद्यान्न उठाकर सीधे कोटेदार की दुकान तक पहुंचाना था और कालाबाजारी पर रोक लगाना था।
ब्लाक गोदाम से आवंटित खाद्यान्न कोटेदार द्वारा दुकान तक पहुंचने से पहले रास्ते में ब्लैक करने की शिकायत प्रदेश के सभी जिलों से मिलने के बाद सपा शासन में अप्रैल 16 में डोर स्टेप डिलेवरी योजना बनाई गई थी। इस योजना के तहत खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा गोदाम से खाद्यान्न उठाकर गांवों में स्थित कोटे की दुकान तक पहुंचाना था। इसके लिए मंडल स्तर पर टेंडर भी कराए गए पर गोदाम से कोटे की दुकान तक का भाड़े को लेकर सहमति नहीं बनी और एक महत्वाकांक्षी योजना परवान चढ़ने से पहले ही फाइलों में बंद हो गई।
अगर यह योजना लागू हो गई होती तो लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित होने वाले खाद्यान्न की कालाबाजारी पर विराम लग गया होता। क्योंकि सरकारी ट्रक से खाद्यान्न गांव में जाता तो हर ग्रामीण को पता चल जाता और कोटेदार बहाना नहीं बना पाते कि इस माह कम खाद्यान्न मिला है। दूसरा लाभ यह होता कि हर गरीब को मानक के अनुसार हर माह खाद्यान्न मिलने लगता।
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डोर स्टेप डिलेवरी योजना पर विधानसभा चुनाव के दौरान ब्रेक लग गया था पर अब इसे लागू कराने का कार्य शुरू कराया जा रहा है। ब्लाक गोदाम से कोटे की दुकान तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए वाहन मांगे गए हैं। इन वाहनों पर खाद्य एवं रसद विभाग का नाम लिखवाया जाएगा। इस पर सरकारी खाद्यान्न का बोर्ड लगाया जाएगा। इसके बाद गोदाम से खाद्यान्न कोटे की दुकान तक भेजा जाएगा। पूरी तैयारी करने में दो माह लग जाएंगे। मंडल मुख्यालय पर योजना लागू होने के बाद जिले में भी योजना पर अमल शुरू हो जाएगा।
अजीत कुमार त्रिपाठी
जिला खाद्य विपणन अधिकारी
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