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प्रत्याशी को लेकर चर्चाओं में बीत रहा दिन

महराजगंज: विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजते ही चाय-पान की दुकानों पर महफिल सजनी शुरू हो गई है। समर्थक अभ

By Edited By: Published: Fri, 20 Jan 2017 02:28 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jan 2017 02:28 PM (IST)
प्रत्याशी को लेकर चर्चाओं में बीत रहा दिन
प्रत्याशी को लेकर चर्चाओं में बीत रहा दिन

महराजगंज: विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजते ही चाय-पान की दुकानों पर महफिल सजनी शुरू हो गई है। समर्थक अभी से अपनी पार्टी के जीतने का दावा कर रहे हैं। सुबह एक बार यह चर्चा छिड़ रही है तो दिनभर चल रही है। बस किरदार बदलते रहते हैं, लेकिन यह चकल्लस बेरोकटोक जारी रहता है। हर कोई अपनी पार्टी और अपने प्रत्याशी की बेहतर छवि गढ़ने में लगा है।

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गुरुवार को नगर की एक दुकान पर चाय की चुस्की लेते हुए उमेश यादव ने कहा कि नोटबंदी को लेकर भले ही विपक्षी दल के लोग राजनीति कर रहे हैं। लेकिन चुनाव बाद उन लोगों को अपनी हकीकत का पता चल जाएगा। सपा में पिता-पुत्र के विवाद से पार्टी की प्रदेश में काफी किरकिरी हुई है। चुनाव में बागी प्रत्याशी भी समीकरण बनाने बिगाड़ने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। तभी रामेश्वर ने कहा कि अरे नहीं भाई, नोटबंदी अपनी जगह है और प्रदेश की राजनीति का समीकरण अलग है। गठबंधन का जो खेल चल रहा है, इसका अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों पर भी असर पड़ सकता है। शैलेंद्र पटेल ने कहा कि बेवजह की बहस करने से काम नहीं चलेगा। जनता सब समझ चुकी है। वह किसी के बहकावे में आने वाली नहीं है। वह पढ़े-लिखे, ईमानदार प्रत्याशी को ही वोट देगी। रतन वर्मा ने कहा कि प्रदेश में अपराध, दुष्कर्म की घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है। अब बदलाव की जरूरत है। जिससे प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके। सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश का किसान बेहाल है। हर बार किसान छले जाते हैं।


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