गंडक नहर प्रणाली के संचालन में अब सिल्ट बाधा
महराजगंज: गोरखपुर मंडल व बिहार में ¨सचाई का संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। नारायणी नदी में
महराजगंज: गोरखपुर मंडल व बिहार में ¨सचाई का संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। नारायणी नदी में कम पानी के चलते एक माह विलंब से आरंभ हुई नहर में अब सिल्ट बड़ी बाधा बन कर सामने आई है। 18 जून को पानी छोड़े जाने के बाद भी अभी टेल तक उसकी पहुंच नहीं हो सकी है। नहर प्रणाली से जुड़े गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और बिहार के सारन नहर की बात छोड़िए, महराजगंज जिले में स्थित 128 नहरों की कोख दस दिन बाद भी भर नहीं पाई है। 1971 में गंडक नहर परियोजना के अमल में आने के बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब नारायणी नदी में कम पानी के चलते माह भर विलंब से नहर में पानी छोड़ा गया। 18 जून को छह हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद किसानों में उम्मीद जगी थी कि शीघ्र ही उनके खेतों से जुड़ी नहरों में पानी हिलोरे मारेगा, लेकिन दस दिन बीतने के बाद भी नहर में इतना पानी नहीं पहुंच सका कि किसान खेतों की ¨सचाई कर सकें। बड़ी मात्रा में सिल्ट जमा होने के चलते बीते 20 और 27 जून को नहर बंद कर बाल्मीकि नगर बैराज पर सिल्ट सफाई का कार्य हुआ। अब नहर बंद होने के कारण पानी के रफ्तार पकड़ने से पहले ही उसकी गति पर विराम लग जा रहा है।
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नेपाल में भूस्खलन से बढ़ी सिल्ट
पिछले वर्ष नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के चलते नारायणी के उद्गम स्थल के साथ ही अधिकांश पहाड़ों में दरारें पड़ गई हैं। बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन की समस्या भी बढ़ी है। ऐसे में इस वर्ष नदी में सिल्ट बहुतायत मात्रा में आ रही है। यही सिल्ट जब बाल्मीकि नगर बैराज पर एकत्रित हो जा रही है, तो नहर का संचालन रोकना पड़ रहा है।
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पानी कम होने से नहरों में नहीं है वेग
बाल्मीकि नगर बैराज से पश्चिमी मुख्य गंडक नहर और पूर्वी नहर में पानी छोड़ा जाता है। 18 जून से प्रत्येक दिन छह हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। पानी कम होने के चलते नहरों में वेग नहीं बन पा रहा है। जानकारों की माने तो यदि एक हजार क्यूसेक और पानी नहरों में छोड़ा जाए तो पानी टेल तक पहुंच जाएगा।
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कहां कितना छोड़ा जा रहा पानी
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जिला- डिवीजन क्यूसेक
कुशीनगर 400
फाजिलनगर 650
बिहार 1100
महराजगंज 1020
गोरखपुर 900
देवरिया 1200
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3.95 लाख हेक्टेयर खेती प्रभावित
गंडक नहर प्रणाली द्वारा उत्तर प्रदेश का 3.95 फीसद भूभाग ¨सचित है। नहर में पानी रुक-रुक कर आने से अभी टेल तक पानी नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार के बड़े भू भाग की रोपाई प्रभावित हो रही है।
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सिल्ट सफाई के चलते नहर रोकने से पानी के टेल तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न हो रही है। हफ्ते में एक दिन सोमवार को नहर बंद कर सिल्ट सफाई का निर्णय लिया गया है। जब तक नहर में सिल्ट का आना जारी रहेगा नहर में रुकावट की संभावना बनी रहेगी।
सुरेश कुमार
अधिशासी अभियंता, ¨सचाई खंड- एक