किसानों के लिए आफत बनी नील गायें
महराजगंज: नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के दर्जन भर गांव के किसानों के लिए जंगल से भटक कर आयी नील गायें आफत
महराजगंज:
नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के दर्जन भर गांव के किसानों के लिए जंगल से भटक कर आयी नील गायें आफत बनी हुई हैं। एक तरफ जहां नील गायें सब्जियों की खेती को चट कर रही हैं, वहीं धान की फसल को भी नुकसान पहुंचा किसानों की कमर तोड़ रही हैं। कई किसान अपने खेतों की सुरक्षा के लिए तार बाड़ लगा रहे हैं। वहीं आर्थिक रुप से कमजोर किसान रात में अपने खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं। क्षेत्र के खनुवा, बरगदही, हरदी डाली, बैरियहवा, अरघा व महुअवा गांव में नील गायों का आतंक चरम पर है। यहां किसान अपने फसल की सुरक्षा के लिए परेशान हैं। तोरई, मक्का, लौकी व टमाटर की खेती किये किसानों को तो रात में जाग कर अपने खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है। बरगदही गांव में विपत, राधेश्याम व राजेंद्र की सब्जी की खेत को नील गायों ने काफी नुकसान पहुंचा है। हरदी डाली गांव में जगदीश, वीरेंद्र, सुरेंद्र व चंद्रशेखर चौधरी की टमाटर की खेती को हजारों का नुकसान हो गया। कई किसानों ने तार बाड़ भी लगाये हैं। मगर उनका कहना है कि नील गायें तार बाड़ को तोड़कर उनके खेतों में घुस जा रही हैं। जिससे उन्हें रात में अपने खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि क्षेत्र की डंडा नदी के किनारों पर नील गायों का झुंड छिप कर रहता है और मौका मिलते ही फसलों पर टूट पड़ता है। कुछ नील गायों धान की फसल चरने की बात सामने आने से किसानों की ¨चता और बढ़ गयी है। राधे, गोपाल नरायन, महेंद्र यादव, गोली प्रसाद, कृष्ण मोहन, रामकेवल, जोगेंद्र, प्रकाश व जगदीश आदि किसानों का कहना है कि एक तरफ प्रशासन नील गायों को नुकसान पहुंचाने पर दंड का प्रावधान किया है। वहीं दूसरी तरफ उनकी फसल को जो नुकसान पहुंच रहा है उसके लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है। किसानों ने नील गायों को ग्रामीण क्षेत्रों से जंगल में भेजवाने की मांग की है।