वाहन चे¨कग के नाम पर निकाल लिया एलसीडी ?
महराजगंज: पुलिस की महिमा निराली है। यहां अपराधी नहीं फरियादियों को ही सींखचों के अंदर भेजने की प्रथा
महराजगंज: पुलिस की महिमा निराली है। यहां अपराधी नहीं फरियादियों को ही सींखचों के अंदर भेजने की प्रथा है। हाल फिलहाल पुलिस की कार्य प्रणाली देखकर तो यही लगता है। दोषी सिपाहियों का कुछ नहीं होता और न्याय की गुहार लगाने वाले जनप्रतिनिधि के ऊपर सरकारी कार्य में बांधा उत्पन्न करने का मुकदमा ठोक दिया जाता है। इन दिनों आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष पशुपति नाथ गुप्ता के ऊपर एक सिपाही द्वारा गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराने का मामला सुर्खियों में है। हुआ यूं कि पिछले दिनों नगर चौकी के दो सिपाहियों ने वाहन चे¨कग के नाम पर एक नेपाली वाहन को रोक लिया। मामला दूसरे देश का जान सिपाहियों ने मुट्ठी गर्म करने की भी सोची। आरोप है कि चे¨कग के नाम पर सिपाहियों ने वाहन से एलसीडी निकलवा ली। सिपाहियों का रौंब, और खाकी की हनक देख कर डरा सहमा चालक एलसीडी छोड़ चला आया। बाद में किसी तरह जब यह मामला सुर्खियों में आया तो मैनेज का खेल शुरू हो गया। आनन फानन में किसी तरह से वाहन मालिक से संपर्क साध कर एलसीडी वापस की गई। हालांकि इस संबंध में चौकी इंचार्ज द्वारा अपने उच्चाधिकारियों से शिकायत भी की गई थी,लेकिन मामला खाकी का था सो घर की बात घर में ही समझ ली गई। एलसीडी रखवाने का प्रकरण सार्वजनिक होने के बाद आप संयोजक पशुपति नाथ गुप्त दोषी सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों से भी मिले,लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासनों की घुट्टी पिलाई जाती रही। यहां तक कि सारे नियम कायदे को दरकिनार कर आरोपी पुलिस कर्मी की तहरीर पर ही उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बांधा और जानमाल की धमकी सहित गंभीर धारओं में अभियोग भी पंजीकृत करा दिया गया। अब जनता लाख टके का सवाल उछाल रही है कि जांच के नाम पर जबरिया एलसीडी रख लेना भी सरकारी कार्य में हो गया है क्या ?
--विवेचना के बाद सामने आएंगे सही तथ्य: कोतवाल
महराजगंज: सदर कोतवाल शशिभूषण मिश्र ने कहा कि अभियोग पंजीकृत कर पूरे मामले की जांच की जा रही है। विवेचना में सभी तथ्य सामने आ जाएंगे। जहां तक सिपाही द्वारा एलसीडी लेने की बात है तो उसकी जांच भी कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा,उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।