धन की कमी से कांप रहे बांध
महराजगंज: बारिश का मौसम नजदीक आते ही धानी क्षेत्र में राप्ती नदी के किनारे बसे लोगों के दिल की धड़क
महराजगंज:
बारिश का मौसम नजदीक आते ही धानी क्षेत्र में राप्ती नदी के किनारे बसे लोगों के दिल की धड़कन एक बार फिर बढ़ने लगी हैं। यह ¨चता अकारण भी नहीं है। मौसम विभाग ने मानसून के आने की उल्टी गिनती शुरू कर दी है, लेकिन अब तक इस बंधे के मरम्मत का कार्य आरम्भ नहीं हो सका है। ¨सचाई विभाग द्वारा दौड़ाया जा रहा कागजी घोड़ा कब फाइलों से निकल कर बंधे पर पहुंचता है, आम जन को बस इसी दिन का इंतजार है।
जनपद के बेलसर से लेकर गोरखपुर क्षेत्र के रिंगौली तक लगभग 18 किमी लम्बा यह बांध बारिश के समय उफनाने वाली राप्ती नदी से बाढ़ की तबाही को बचाने का एक मात्र सहारा है। बाढ़ की संवेदनशीलता को देखते हुए पूर्व के वर्षों में ¨सचाई विभाग अप्रैल माह में ही मरम्मत कार्य शुरू करा दिया गया था, लेकिन इस वर्ष मई के अंतिम सप्ताह में भी रैट होल व रेन कट्स विभागीय दावे की पोल खोल रहे हैं।
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प्रभावित होने वाले गांव
आनंदनगर, महराजगंज:
बेलसर-रिगौली बंधे की जर्जर हालत को देखकर क्षेत्रीय लोग भय ग्रस्त हैं। भगवान न करें यदि पानी का दवाब बना तो धानी, कोइलाडाड़, रीढि़या, करखी, ढोड़घाट, कानापार, बैसार, कोमर, चौका, धीवपीड़, सहित बृजमनगंज व धानी विकास खण्ड के अधिकांश गांव डूब जाएंगे।
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-भारी पड़ेगी विभाग की लापरवाही
आनंदनगर, महराजगंज:
बंधे की मरम्मत न होने से धानी क्षेत्र के लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कृष्ण चंद्र ने कहा कि ¨सचाई विभाग की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि शीघ्र ही बंधे का मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया तो वह उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौपेंगे। महदेवा गांव के रहने वाले तेज प्रताप ¨सह ने कहा कि जैसे जैसे बारिश का मौसम नजदीक आ रहा है बंधे के किनारे बसे लोगों की नींद भी उड़ती जा रही है। रामानन्द ने कहा कि अब तक रैट होल व रेन कट्स भी भरे नहीं जा सके हैं, बंधे का मरम्मत व उच्चीकरण की तो बात ही छोड़िए। शिव कुमार ने कहा कि बाढ़ आने के बाद महकमा जागता है, लेकिन माह भर पहले ही उसे बंधों का मरम्मत कार्य शुरू करा देना चाहिए।