नेपाल भंसार कर्मियों की मनमानी ने ली मरीज की जान
महराजगंज: एक तरफ जहां भारतीय प्रशासन नेपाल में भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए तत्परता दिखाया, वहीं
महराजगंज:
एक तरफ जहां भारतीय प्रशासन नेपाल में भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए तत्परता दिखाया, वहीं सोनौली सीमा सटे नेपाल के बेलहिया भंसार पर भंसार कर्मियों की मनमानी से एक भारतीय मरीज की जान चली गयी। मामला तब प्रकाश में आया जब इसकी शिकायत परिजनों ने नेपाल प्रशासन से की। मामले को गंभीरता से लेते हुए भैरहवा कस्टम चीफ ने मामले में जांच बैठाते हुए मौके पर तैनात कर्मियों को तलब किया है।
नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के हरदी डाली गांव के बिचला टोला निवासी 50 वर्षीय राजकिशोर विश्वकर्मा की तबीयत रविवार की देर रात खराब हो गयी। पहले तो परिजन उसे लेकर सोनौली के एक प्राइवेट अस्पताल पर पहुंचे। जहां उसकी हालत देख उसे एंबुलेंस से भैरहवा मेडिकल कालेज भेजा गया। परिजन रात करीब ग्यारह बजे सोनौली सीमा पर पहुंचे। जहां भारतीय कस्टम विभाग ने अपने बैरियर को खोल कर नेपाल जाने की अनुमति दे दी। मगर बेलहिया भंसार कर्मियों ने नियम कानून का हवाला देकर मरीज लिए एंबुलेंस के प्रवेश पर रोक लगा दी। जिस परिजन उनसे मरीज की जान बचाने की गुहार लगाते हुए बैरियर उठाने की मांग करने लगे। मगर भंसार कर्मी नहीं माने। एंबुलेंस करीब दो घंटे तक बैरियर पर ही रुकी रही। इसी दौरान उसमें तड़प रहे मरीज की मौत हो गयी। जिसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ। एसएसबी जवानों के हस्तक्षेप के बाद नेपाल भंसार कर्मियों ने बैरियर खोला। भैरहवा मेडिकल कालेज पहुंचने पर चिकित्सकों ने मरीज की मौत करीब घंटा भर पहले होने की पुष्टि की।