अभिलेख के लिए लिपिक से हाथापाई
महराजगंज: पिता के जाति प्रमाण पत्र के नियम कानून के फेर में चार दिनों से उलझे महिला अभ्यर्थी का ग
महराजगंज:
पिता के जाति प्रमाण पत्र के नियम कानून के फेर में चार दिनों से उलझे महिला अभ्यर्थी का गुस्सा आज फूट पड़ा। जाति प्रकरण पर अभी तक कोई निर्णय नहीं होने पर, जब उसे लगा कि नौकरी हाथ से जाने वाली है, तो वह पति संग डायट कार्यालय अभिलेख वापस लेने के लिए पहुंच गई। अभी अभिलेख रिसीव कराने की प्रक्रिया चल ही रही थी, कि दोनों प्रकरण को लेकर लिपिक से उलझ गए, बात इतनी बढ़ गई की हाथापाई की नौबत आ गई। हालांकि वहां मौजूद अन्य कर्मचारियों के हस्तक्षेप से दोनों का समझाकर मामला शांत कराया गया।
दरअसल प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का लाभ लेने के लिए पिता पक्ष का जाति प्रमाण पत्र लगाना है। लेकिन इसके लिए कई अभ्यर्थियों ने मूल अभिलेख में पति का जाति प्रमाण पत्र लगा दिया। तो नियुक्ति पत्र वितरण के समय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने से रोक लगाते हुए पिता पक्ष का जाति प्रमाण पत्र की मांग किया। जब कुछ अभ्यर्थियों ने आपत्ति के बाद पिता पक्ष का जाति प्रमाण पत्र लगाया, तो उन्हें नियमों के जाल में उलझाया जा रहा है। और इस प्रकरण पर निदेशक से दिशा निर्देश के बाद कोई निर्णय लेने की बात कही जा रही है। ऐसे में अपने भविष्य को लेकर चिंतित अभ्यर्थी दो राहे पर खडे़ हैं। कुछ निर्णय का इंतजार कर रहे हैं, तो कई अपने फाइल वापस ले रहे हैं। इसी क्रम में गोरखपुर की सइदा फातमा और उनके पति जब चार दिनों से दौड़ते दौड़ते परेशान हो गए तो वे अपना अभिलेख वापस लेने के लिए डायट पर पहुंच गए। कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों से अपने मूल अभिलेख मांगे। अभी अभिलेख के लिए आवेदन कर ही रही थी, कि उसका पति विभाग की खामियों पर लिपिक पर बरसा पड़ा और बात हाथापाई पर आ गई। लेकिन मौजूद अन्य कर्मचारियों के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। व्यवस्था से परेशान अब तक प्रतिमा गुप्ता पुत्री सुरेंद्र गुप्ता, अर्चना यादव पुत्री रामचंद्र यादव सहित 11 लोगों ने अपने अभिलेख वापस ले लिए और दूसरे जनपद में नौकरी की उम्मीद में निकल दिए। शनिवार को 15 को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। इस प्रकार अब तक 775 लोगों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया।