पकड़ी चेतरा मार्ग पर बाढ़ का पानी, नाव बनी सहारा
महराजगंज:
नेपाली नदियों से आ रहे पानी के कारण रेहाव नाले का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे पकड़ी चेतरा के मुख्य कच्ची सड़क पर 20 दिनों से पानी फैल है। बोकड़ा मन्दिर के पास रेहाव नाले के दोनों तरफ का डायवर्जन मार्ग 200 मीटर बाढ़ के पानी में ढूब गया है। आवागमन के लिए दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है। जबकि नाले के उसपार बसे दनदनहवा मछरियहवा, चेतरा तमकुहवा, जिगिनहवा, सुबाईन, बुड़न्तवापुर, मखनहवा, मरचहवा, जोगियाजगपुर, आदि गावों में बसे लगभग40,000 लोगों को अपने रोज मर्रा की जरूरत, राशन,दवा ,शिक्षा,व्यापार, विभिन्न प्रकार की शिकायतों के निस्तारण के लिए प्रतिदिन पकड़ी या जिला मुख्यालय आना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी यहा के मरीजों को होती है। सूखे के दिनों में तो ऐसे मरीजों को परिजन बाइक या ठेले से जिला अस्पताल में पहुंचा देते हैं लेकिन बरसात में ले जाना मुश्किल हो जाती है। तब खाटपर मरीज को बैठाकर भरा नाला पार करना पड़ता है। जिससे गंभीर रोगी समय से दवा न मिलने के कारण असमय ही मर जाते हैं। इस संबंध में पकड़ी नौनिया के ग्रामप्रधान रामकिशुन एडवोकेट ने कहाकि पकड़ी चौराहे से बोकड़ा मन्दिर तक खड़न्जा, रेहाव नाले पर पक्का पुल तथा चोरही नाली तक पक्की नाली जंगल के किनारे ऊंचे बंधों पर तरबाड़ की मांगपत्र लिखित रूप पकड़ी के रेंजर तथा डीएफओ से की गई है। परन्तु आज तक कोई कार्यवाही नही की गई।