इन स्कूलों में सब कुछ है शौचालय के सिवाय
जागरण संवाददाता,महराजगंज:
बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले विद्यालय खुद गंदगी के ढेर से दबे हैं। कुछ विद्यालयों में शौचालय नहीं है, जहां बने हैं वहां भी केवल शोपीस बनकर रह गए हैं। ऐसे में बच्चे हो या अध्यापक सभी को शौच जाने के लिए दस बार सोचना पड़ रहा है।
जिले में 1478 प्राथमिक व 645 पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में कुल तीन लाख छह हजार छह सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यहां विद्यालय भवन के साथ ही शौचालयों का निर्माण भी आवश्यक था। अधिकांश जगहों पर शौचालय बने भी हैं,लेकिन अब तक प्रयोग में नहीं आ सके हैं। ऐसे में वहां अध्ययन करने वाले छात्रों के साथ ही इन विद्यालयों में पढ़ाने वाले अध्यापक व अध्यापिकाओं को हर रोज दो चार होना पड़ता है। अकेले पनियरा विकास खंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिसवा खुर्द,हथखोरी, रानीपुर, माधोनगर, रूद्रापुर, देवीपुर व प्राथमिक विद्यालय मधोनगर, खजुरिया, रानीपुर, कम्हरिया खुर्द, देवीपुर द्वितीय, अनन्तपुर, बड़वार द्वितीय, हरखपुरा, बदरी टोला महुअवा व नबीगंज आदि विद्यालय ऐसे हैं जहां के शौचालय विभागीय तौर पर निष्प्रयोज्य घोषित हो चुके हैं। यहां के विद्यालयों में किसी समय शौचालय बने तो थे,लेकिन वर्तमान में वे प्रयोग के लायक ही नहीं रह गए हैं। नौतनवा, फरेन्दा
धानी, बृजमनगंज, मिठौरा, घुघली, परतावल, निचलौल व सदर विकास खंड का भी यही हाल है। इन विकास खंडों के सत्तर फीसद विद्यालयों में शौचालय निष्प्रयोज्य हैं।
पानी न होने के चलते बढ़ी समस्या:विभाग द्वारा स्कूलों में शौचालय तो बना दिए गए, लेकिन पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिसके चलते चाह कर भी शिक्षक व छात्र उसका प्रयोग नहीं कर पाते हैं।
महराजगंज के बेसिक शिक्षा अधिकारी रमाकांत ने कहा कि खराब व शौचालय विहीन विद्यालयों की रिपोर्ट मांगी गई है। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर शीघ्र ही शौचालयों की मरम्मत करा दी जाएगी।
''विद्यालयों में खराब पड़े शौचालयों की फोटो के साथ सूचना मांगी गई है। जो भी निष्प्रयोज्य शौचालय हैं, उनके मरम्मत का निर्देश दिया गया है। इन शौचालयों के साफ सफाई के लिए भी आवश्यक कदम उठाये जाएंगे। ''
सुनील कुमार श्रीवास्तव
डीएम, महराजगंज