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यहां तो शौचालय का धन खा रहे बिचौलिये

By Edited By: Published: Mon, 18 Aug 2014 09:26 PM (IST)Updated: Mon, 18 Aug 2014 09:26 PM (IST)
यहां तो शौचालय का धन खा रहे बिचौलिये

महराजगंज:

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केस-एक: नाम-सफज्जुल अली पुत्र अकबर अली, निवासी लोहिया गांव मर्यादपुर का पहाड़ी टोला। इन्हें ग्राम विकास अधिकारी द्वारा शौचालय निर्माण के लिए 4600 रुपये दिया गया। इनके नाम पर ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी ने कितना धन निकला इन्हें खुद नहीं मालूम। ऊपर से सुविधा शुल्क जो दिया वह अलग। आज स्थिति यह है कि शौचालय की दीवार खड़ी कर धन की आस में टकटकी लगाए हैं।

केस-दो: जमादार पुत्र अशरफ अली निवासी मर्यादपुर। घर पर शौचालय निर्माण के चयन की सूचना मिली तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। सूचना देने वाले ने सुविधा शुल्क की मांग की तो यथासंभव उसको भी धन दिया। आज स्थिति यह है कि महज शौचालय की दीवार खड़ी है न तो छत लगा है और न ही टंकी बन सकी है।

केस-तीन: नाम राधेश्याम पुत्र शोभा निवासी नौतनवा विकास खंड का मर्यादपुर गांव। पांच माह पूर्व उनके घर आकर कुछ साहब लोगों ने बताया कि सरकार द्वारा शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। शौचालय निर्माण के लिए फीस भी बताई। आज उनके घर के बगल में सिर्फ गड्ढा खोद कर छोड़ दिया गया है। शौचालय के दीवार कब खड़ी होगी यह तो न ग्राम प्रधान बताते हैं और न ही सेक्रेटरी।

यह चंद मामले तो महज बानगी पर हैं। स्थिति यह है कि सरकारी अखिलेखों में पूर्ण हो चुके शौचालय भी आधे अधूरे ही बन सके हैं। अधिकांश धन तो बिचौलियों के हाथों में पहुंच चुका है। ईट, बालू व सीमेंट सहित शौचालय सीट में भी खूब कमीशन का खेल खेला जा रहा है। अधूरे शौचालय कब तक पूर्ण होंगे, यह बताने की स्थिति में न तो डीपीआरओ हैं और नहीं उनके मातहत । हालत यह है कि जिले में निर्मल भारत योजना के तहत शौचालय निर्माण कार्य को रफ्तार नहीं मिल पा रहा है। पिछले वर्ष का लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है।

जिले में पिछले वर्ष 2013-14 में 12561 शौचालय बनाए जाने का लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया था। जिसमें 10561 शौचालय ही बनवाया जा सका। जबकि दो हजार शौचालय समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अभी तक नहीं बन सके। यह तो विभाग के आंकडे़ हैं। लेकिन सच तो यह है कि आधा से अधिक गांव में शौचालय की दीवार खड़ा कर विभाग मौन हो गया है।

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इनसेट-

जिला पंचायत राज अधिकारी प्रभाकर ने कहा कि शौचालय निर्माण के लिए आए धन का प्रावधानों के मुताबिक उपयोग हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। यदि अनियमितता की शिकायत मिल रही है तो जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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