तस्करी के मामले में उप डाकपाल सहित तीन दोषियों को कारावास
जागरण संवाददाता, महराजगंज :
जनपद के नौतनवा क्षेत्रान्तर्गत स्थित डाकघर के उप डाक पाल शंकर दयाल पांडेय, पार्सल बाबू मुंशीराम चौधरी एवं पैकर रामसूरत को डाकघर से पार्सल द्वारा चरस की तस्करी करते रंगे हाथ पकड़े जाने के मामले में दोषी पाए जाने पर अपर सत्र विशेष न्यायाधीश द्वितीय योगेंद्र रामगुप्त ने तीनों अभियुक्तों को धारा 8-20, 20 बी 11/25 /29 एनडीपीएस एक्ट के तहत दस-दस वर्ष के कठोर कारावास के साथ एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जानकारी के अनुसार तत्कालीन थानाध्यक्ष नौतनवा अपने हमराहियों के साथ नौतनवा कस्बे में गश्त पर थे, कि मुखबिर ने सूचना दिया कि डाकघर नौतनवा से चरस की तस्करी होती है। जिसमें नौतनवा के उप डाकपाल चरस को पार्सल द्वारा बुक करके दिल्ली ले जाते हैं और आज भी माल जाने वाला है। इस सूचना पर विश्वास करके 8 मई 2001 को समय करीब 18.35 बजे अपने साथ स्वतंत्र गवाह लक्खी, भगत व हमराहियान को लेकर डाक घर गये तो देखे कि डाकघर खुला है। अकेले उप डाकपाल बैठे हैं। पुलिस को देखकर पार्सल व बंडल छुपाने का प्रयास करने लगे। नाम पता पूछने पर अपना नाम शंकर दयाल पांडेय पुत्र भागीरथी निवासी महदेवा थाना कोल्हुई बताया। पार्सल की तलाशी लेने काले रंग का चरस बरामद हुआ जिसका वजन तौल करने पर दस किलोग्राम हुआ। मौके पर फर्द लिख पढ़कर कर तैयार की गई। दौरान विवेचना इस तस्करी के खेल में पार्सल बाबू, मुंशीराम चौधरी पुत्र रूद्र नरायन चौधरी निवासी महुअवा थाना सोनौली एवं पैकर बाबू रामसूरत पुत्र जानकी निवासी डंडवार खुर्द थाना फरेंदा का नाम प्रकाश में आया।
मुकदमे की पैरवी अपर शासकीय अधिवक्ता मिथिलेश कुमार पांडेय द्वारा की गई। न्यायालय द्वारा अपने 48 पृष्ठ की विस्तृत फैसले में अभियुक्तों का पुलिस से कोर्ट रंजिश न पाते हुए तथा अभियुक्तों के जिम्मेदार पद पर रहते हुए शातिरामा आपराधिक षड्यंत्र के तहत तस्करी करने तथा गवाही व सबूतों के बयान के आधार पर उक्त सजा सुनाई गयी है।