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अंकल, घर का कपड़ा पहनकर आना अच्छा नहीं लगता

By Edited By: Published: Thu, 31 Jul 2014 11:23 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jul 2014 11:23 PM (IST)
अंकल, घर का कपड़ा पहनकर आना अच्छा नहीं लगता

नीरज श्रीवास्तव, महराजगंज : ढेकहीं के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले अनुभव की आंखों में इंतजार की चमक दिखती है। यह चमक उसके कई साथियों की आंखों में है। यह बच्चे इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें स्कूल में ड्रेस में मिलेगा और उन्हें घर का कपड़ा पहनकर नहीं आना पड़ेगा। बातों ही बातों में वह कह उठते हैं, 'अंकल, घर का कपड़ा पहनकर आना अच्छा नहीं लगता'

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अब इस इंतजार का दूसरा पक्ष देखिए। शिक्षा सत्र को एक माह हो गए हैं। इसके बावजूद अभी तक परिषदीय व अनुदानित विद्यालयों में ड्रेस के मद में एक पाई भी नहीं मिला। सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के लिए सरकार निश्शुल्क पुस्तक, मध्याह्न भोजन तथा निश्शुल्क ड्रेस का वितरण कर रही है। जनपद में तीन लाख बारह हजार दो सौ तिरसठ बच्चों को निश्शुल्क ड्रेस के लिए शासन को डिमांड भेजा गया था। इसमें गरीबी रेखा से ऊपर के 9169 बच्चे भी शामिल हैं। लेकिन इन सभी बच्चों के ड्रेस के लिए शासन से अभी तक बजट नहीं मिल सका। ऐसे में बच्चे वही पुराना व घर का कपड़ा ही पहनकर स्कूलों में आ रहे है।

दरअसल गरीबी का दंश झेल रहे परिवारों के बच्चों के पास कपड़ा न होने के कारण वह ड्रेस पहन कर ही अपना दिन काटते हैं। फिर दूसरे दिन वहीं पहनकर स्कूलों में पढ़ने चले जाते हैं। यह प्रक्रिया व अकसर दोहराते हैं। घर व स्कूल दोनों जगह ड्रेस पहने रहने से ड्रेस खराब हो जाता है और आर्थिक तंगी के कारण उसकी धुलाई भी नहीं करा पाते हैं। ऐसे में वही गंदा ड्रेस या घर का कपड़ा पहनकर वह स्कूल आते हैं। हालांकि शासन ने प्रत्येक वर्ष निश्शुल्क ड्रेस योजना के तहत ड्रेस वितरित कर गरीबों के बच्चों को तन ढकने का सहारा भी दिया है, लेकिन इस वर्ष समय से ड्रेस न मिलने से बच्चों व अभिभावक को भी परेशानी हो रही है। ऐसे में कब बजट मिलेगा, कब विद्यालय प्रबंध समितियों को भेजा जाएगा और कब ड्रेस क्रय किया जायेगा। यह गंभीर सवाल है।

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15 अगस्त पर भी नहीं मिल सकेगा

पंद्रह अगस्त पर भी बच्चों को नया ड्रेस नहीं मिल सका। हालांकि ड्रेस के लिए बजट का संकट पूरे प्रदेश में है। सत्ता में बैठे रणनीतिकारों की इस मामले में की गई पहल अभी तक रंग नहीं ला सकी।

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यहां संचालित है योजना

- प्राथमिक विद्यालय - 1478

- उच्च प्रा. विद्यालय - 645

- सहायता प्राप्त विद्यालय - 143

- कस्तूरबा विद्यालय - 13

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बजट का है इंतजार

सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान ऋषितोष कुमार सिन्हा ने बताया कि शासन से अभी ड्रेस के मद में बजट नहीं प्राप्त हुआ है। बजट प्राप्त होते ही शासन के दिशा निर्देशानुसार ड्रेस के लिए कार्रवाई की जाएगी।

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