लकड़ी के सहारे एमडीएम की खिचड़ी
जागरण संवाददाता, महराजगंज:
परिषदीय विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना का खाना बनवाने के लिए प्रधानाध्यापकों व प्रधानों की मुसीबत कम नहीं हो रही है। जनपद के 703 विद्यालयों में एमडीएम की व्यवस्था लकड़ी के भरोसे चल रही है। इससे उठ रहे धुंए बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो रहे है। बावजूद जिम्मेदारों की नजर इस गंभीर समस्या की ओर नहीं है।
जिले में 2337 प्राथमिक तथा जूनियर माध्यमिक विद्यालय हैं। इन बच्चों को स्कूलों में एमडीएम योजना के तहत विभिन्न दिन गरमा गरम भोजन देने की व्यवस्था है। लेकिन इन विद्यालयों में पर्याप्त रसोई गैस की व्यवस्था नहीं है। महज 1547 विद्यालयों में ही गैस कनेक्शन लगे हैं। इसमें से भी 35 गैस सिलेंडर व चूल्हे चोरी हो गए। जबकि 703 विद्यालय लंबे समय से गैस कनेक्शन के इंतजार में है, लेकिन इन्हें गैस नहीं मिल रही है। ऐसे में लकड़ी के सहारे मध्यान्ह भोजन योजना की खिचड़ी तैयार हो रही है। चूल्हे पर लकड़ी के सहारे भोजन बनवाने पर प्रधान व प्रधानाध्यापक को कई दुश्वरियों से गुजरना पड़ता है। गैस की अपेक्षा लकड़ी उन्हें मंहगी पड़ती है, और इसकी व्यवस्था करने में इन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। अगर लकड़ी मिल भी गई तो चूल्हे में आग लगाने के लिए रसोइयों को मुसीबत झेलने पड़ रही है। इन दिनों बारिश का मौसम चल रहा है। लकड़ी भीग जाने से चूल्हे में आग नहीं लग पा रही है और भोजन तैयार होने में विलंब भी हो रहा है। जो भोजन बच्चों को सुबह साढे़ नौ बजे मिल जाना चाहिए, वह इस कारण दस या साढे़ दस बजे मिल रहा है। लकड़ी के सहारे भोजन बनने से रसोईघर जहां काले हो जा रहे हैं, वहीं इससे उठने वाले धुंआ बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इस संबंध में शैलेंद्र वर्मा जिला समन्वयक एमडीएम का कहना है कि जिन विद्यालयों में गैस कनेक्शन नहीं है। उनके लिए कार्ययोजना तैयार कर डिमांड भेजी गयी है।