तराई की बेटियां, पढ़ाई में आगे
महराजगंज :
देश के मानचित्र के पटल पर तराई भले ही पिछड़ा जनपद में शुमार हो, लेकिन यहां अब हालात बदल रहे हैं। बेटियों को चूल्हा चौखट के झंझावतों में बांधकर रखने की लोगों की सोच में काफी परिवर्तन आया है। बेटियां घर से बाहर निकल कर अपनी खुद तकदीर लिखने को बेताब हैं और पढ़ाई में भी अब बेटों से आगे हैं। इसकी पुष्टि बोर्ड परीक्षा से हुई। बेटों की तुलना में इस बार हाईस्कूल में तीन व इंटर बोर्ड में करीब पांच फीसद अधिक बेटियों ने शामिल होकर इतिहास रच दिया है।
प्रतिस्पर्धा के इस युग में अब तो हर क्षेत्र में बेटियां प्रतिभा के बल पर बेटों से आगे निकलने को बेताब हैं। बात चाहे पीटी उषा, सानिया मिर्जा या अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला व सुनीता विलियम्स की हो। जहाज उड़ाने से लेकर सत्ता की बागडोर संभालने की कूबत बेटियों में है। यह बात तराई की बेटियों की समझ में आ चुकी है और अब वे प्रतिभा, ममता, सुषमा, माया, शीला, जयललिता व सोनिया बनने की राह पर हैं। न्यायाधीश, आइएएस, आइपीएस, पीपीएस, पीसीएस, इंजीनियर, डाक्टर से लेकर हर क्षेत्र में बेटियां अब बेटों से आगे निकल रही हैं। बेटियों की यह उड़ान अनायास नहीं है। इसके लिए उन्होंने दुश्वारियां झेलीं और हर क्षेत्र में प्रतिभा का लोहा मनवाया। संभवत: इसी से प्रेरणा लेकर तराई के इस जिले की बेटिया खेलकूद,शिक्षा व आत्म सुरक्षा में आगे निकल रही हैं।
भिटौली से साइकिल से शहर आकर पढ़ने वाली नेहा पटेल व प्रियंका शर्मा कहती हैं कि वर्ष 2013 में हाई स्कूल में प्रथम आयी तो माता-पिता ने पढ़ाई जारी रखने को कहा।
धर्मपुर से आटो से स्कूल आने वाली रीता पासवान व कामिनी खरवार ने बताया कि हाई स्कूल में 80 फीसद अंक पाने पर पिता ने आगे पढ़ने की इजाजत दे दी। दोनो ने बताया कि इस वर्ष इंटर में 80 फीसद अंक मिलने की उम्मीद जतायी।
सिन्दुरिया से प्रतिदिन साइकिल से कालेज आने वाली रजनी दुबे ने बताया कि 2012 में हाई स्कूल में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुई थी। इस वर्ष इंटर की परीक्षा में भी प्रथम ही आऊंगी।
नेहा, रीता, रजनी, रेखा, कामिनी, प्रियंका की ही तरह जिले की हजारों बेटियां उच्च शिक्षा ग्रहण कर बेटों से आगे निकलने को बेताब हैं।
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हाईस्कूल में बेटों से ज्यादा संख्या में बेटियां
महराजगंज : इस वर्ष हाई स्कूल की बोर्ड परीक्षा में 18282 बेटों के सापेक्ष 22667 बेटियां शामिल हुईं। इसी तरह इंटर बोर्ड में 15332 बेटों के सापेक्ष 18394 बेटियों ने शामिल होकर नया इतिहास रच दिया है। इस तरह बेटों की तुलना में हाई स्कूल बोर्ड में 4385 व इंटर में 3062 बेटियां ज्यादा शामिल हुई।
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जिला विद्यालय निरीक्षक अनिल कुमार मिश्र कहते हैं कि बेटियों की शिक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। इसमें 'पढ़ें बेटियां, बढ़े बेटियां' अभियान का सार्थक परिणाम निकला। अभिभावक बेटियों को भी स्कूल भेजने लगे। अब तो शायद ही कोई अभिभावक हो जो बेटी को स्कूल न भेजता हो। आज हर माता-पिता को अब बेटी पर ज्यादा भरोसा है।