रामलीला का मंचन देख भाव विभोर हुए श्रद्धालु
जागरण संवाददाता, महराजगंज:
क्षेत्रीय गांव बासपार मिश्र में नौ दिवसीय रूद्र महायज्ञ के पांचवें दिन सोमवार की रात बरोहिया ढाला से आये रामलीला के कलाकारों द्वारा राजा दशरथ के पुत्र प्राप्ति व रामजन्म का दृश्य एवं विश्वामित्र द्वारा नामकरण और ताड़का का वध का दृश्य का मंचन देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गये।
रामलीला मंचन के पांचवें दिन रामलीला के कलाकारों ने श्रद्धालुओं का भावविभोर कर दिया। जब राम व लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का अयोध्या में जन्म होता है। उसके उपरांत गुरू वशिष्ठ ने चारों भाइयों का नामकरण व शिक्षा देने के लिए अपने आश्रम लेकर जाते हैं। उसी समय उस घनघोर जंगल में साधु संतों के तपस्या को भंग करना एवं कुटिया का उजारने यह सब हरकर एक राक्षस ने अपना आतंक फैला रखा था। सभी साधु संत त्राहि-त्राहि करते हुए वशिष्ठ के पास आते हैं और अपनी आपबीती कहानी सुनाते हैं। गुरू वशिष्ठ ने राम व लक्ष्मण को आदेश देते हैं कि साधु संतों की रक्षा करते मुक्ति प्राप्त होती है। तत्पश्चात दो भाइयों ने धनुष व वाण लेते हैं और साधुओं के कुटी की ओर चल पड़ते हैं। गुरूदेव आप नि:संकोच अपनी तपस्या करिये हम आप की रक्षा करेंगे। यज्ञ प्रारंभ होते ही ताड़का नामक राक्षसी आती है। यज्ञ को भंग करने का प्रयास करते श्रीराम ने उस राक्षस को समझाते हैं, धनुष वाण निकालकर ताड़का का वधन कर देते हैं। जिससे अत्याचार समाप्त हो जाता है। इस अवसर पर प्रधान प्रतिनिधि अंबरीश कुमार मिश्र, मंच संचालक शिवेंद्र मिश्र, जगदीश नवीन सिंह, कृष्ण कुमार मिश्र, रामनवल, राम नरायन, रवींद्र मिश्र, तबारक अली, सौरभ सिंह, प्रवीण सिंह, उमाशंकर, हरिशंकर मौर्य आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।