आलू किसानों को अनुदान देगी योगी सरकार
प्रदेश में 300 किलोमीटर या अधिक दूरी वाले स्थान अथवा अन्य राज्योंं में आलू बेचने ले जाने पर परिवहन भाड़े में अनुदान मिलेगा।
लखनऊ (जेएनएन)। मंदी की मार झेल रहे आलू उत्पादक किसानों को राहत प्रदान करने के लिए योगी सरकार परिवहन भाड़े में अनुदान देगी और मंडी शुल्क व विकास सेस भी माफ करेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधान सभा में की। उन्होंने आलू समस्या पर दिए वक्तव्य में कहा कि किसानों का नुकसान न्यूनतम करने के लिए सरकार गंभीर है। पहली बार आलू का समर्थन मूल्य घोषित कर एक लाख मीट्रिक टन आलू खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया। हालांकि तब तक किसान अधिकांश आलू को शीतगृहों में रख चुके थे।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि किसानों को नुकसान अधिक न हो और इसका प्रतिकूल प्रभाव अगली फसल पर नहीं पड़े। इसलिए किसानों को आलू अन्य स्थानों या राज्यों में बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। अपने प्रदेश में 300 किलोमीटर या अधिक दूरी वाले स्थान अथवा अन्य राज्योंं में आलू बेचने ले जाने पर परिवहन भाड़े में अनुदान मिलेगा। यह राशि 50 रुपये प्रति क्विंटल अथवा वास्तविक परिवहन भाड़ा में 25 फीसद अनुदान, जो भी कम होगा वो दिया जाएगा। इसके साथ मंडी शुल्क व सेस से भी छूट मिलेंगी। जो 2.5 फीसद हो जाती है। देश से बाहर ताज ब्रांड से आलू निर्यात करने वालों को अतिरिक्त राहत दी जाएगी।। प्रति किलोग्र्राम दो रुपये अथवा भाड़े का 25 प्रतिशत जो भी कम होगा वो धनराशि दी जाएगी। इसके साथ 50 रुपये प्रति क्विंटल की मदद भी दी जाएगी।
रियायत 31 दिसंबर तक : मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि आलू की नयी फसल आने तक यानी 31 दिसंबर तक राहत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पांच लाख से अधिक आलू किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर हल किया जाएगा। बता दे कि प्रदेश में रिकार्ड आलू उत्पादन हुआ। निजी कोल्ड स्टोरेज में लगभग एक करोड़ 20 लाख मीट्रिक टन आलू भंडारित है। सरकार इसमें से केवल 12,938 क्विंटल आलू ही खरीद सकी है। फर्रुखाबाद जिले के किसान रामकिशन बघेल का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज से आलू निकासी रफ्तार बेहद कम है। जिस कारण आलू किसानों का मंदी संकट और बढऩे की आशंका है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।