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जिपं अध्यक्षों, ब्लॉक प्रमुखों को दबंगई से हटा रही सरकार : सपा

सपा को याद दिलाया कि समाजवादी सरकार के सत्तारूढ़ होने पर बसपा राज में चुने जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख हटाए गए थे। उन्होंने कहा कि तब तो सांसद भी निर्विरोध चुन लिए जाते थे।

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 03:02 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 03:02 PM (IST)
जिपं अध्यक्षों, ब्लॉक प्रमुखों को दबंगई से हटा रही सरकार : सपा
जिपं अध्यक्षों, ब्लॉक प्रमुखों को दबंगई से हटा रही सरकार : सपा

लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद में सरकार पर दबंगई और झूठे आरोपों के जरिये सपा सरकार के कार्यकाल में चुने गए जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लाक प्रमुखों को हटाने का मुद्दा उठाया। नेता सदन डॉ.दिनेश शर्मा ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सपा सदस्यों को याद दिलाया कि वर्ष 2012 में समाजवादी सरकार के सत्तारूढ़ होने पर बसपा राज में चुने गए कई दलित जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख हटाए गए थे। उन्होंने कहा कि तब तो सांसद भी निर्विरोध चुन लिए जाते थे।

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सपा के हीरालाल यादव ने इस मामले को उठाते हुए वाराणसी के जिला पंचायत अध्यक्ष और कानपुर देहात के डेरापुर ब्लॉक के प्रमुख को हटाने के लिए की जा रही कथित पेशबंदी का जिक्र किया। इस मुद्दे पर काम रोक कर चर्चा कराने की मांग की। सपा के आनंद भदौरिया ने कहा कि भाजपा सरकार के इस कुचक्र के तहत अब तक एक दर्जन जिला पंचायत अध्यक्ष और तीन दर्जन ब्लॉक प्रमुख हटाए जा चुके हैं।

जवाब में नेता सदन डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने उत्पीडऩ की कोई कार्रवाई नहीं की है। वाराणसी में जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नियमों के तहत लाया गया है। वहीं कानपुर देहात में 61 में से 42 सदस्य लिखकर दे चुके हैं कि ब्लॉक प्रमुख में उनका विश्वास नहीं है। यदि विपक्ष को कोई आपत्ति है तो चैलेंज कर दे। उनके जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।


बसपा के सुनील कुमार चित्तौड़ ने 30 जून को बिजनौर के बालावाली चौकी इंचार्ज सहजौर सिंह की गला काट कर हत्या करने का मामला उठाते हुए इस पर काम रोक कर चर्चा कराने की मांग की। नेता सदन ने बताया कि इस मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पांच टीम गठित की हैं, 28 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है। शासन ने इस मामले में क्षेत्राधिकारी का तबादला करने के साथ चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।


शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा ने मीरजापुर के एएस जुबली इंटर कॉलेज के अभिलेखों को नगर मजिस्ट्रेट द्वारा सील करने का मामला उठाया। कांग्रेस के दिनेश प्रताप सिंंह ने रायबरेली में नहरों में टेल तक पानी न पहुंचने का मुद्दा उठाया। राष्ट्रीय लोक दल के चौधरी मुश्ताक ने पश्चिमी उप्र में नदियों के प्रदूषण का मुद्दा उठाया। सभापति ने कार्यस्थगन के सभी प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए।

अनुदानित मदरसों में वेतन न मिलने का मुद्दा उठा
निर्दल समूह के चेत नारायण सिंह ने प्रदेश के 168 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों को पांच महीने से वेतन न मिलने का मामला उठाया। जवाब में नेता सदन ने कहा कि सरकार सभी शासनादेशों का परीक्षण कर उनके अनुसार कार्यवाही करेगी। वेतन न मिलने के कारणों का पता लगाएगी। उन्होंने बताया कि सिद्धार्थनगर के सभी मदरसों के वेतन भुगतान के लिए धनराशि जारी कर दी गई है। अन्य मदरसों के लिए भी धनराशि जल्दी जारी कर दी जाएगी।

गन्ना मूल्य भुगतान में भाजपा सरकार का रिकॉर्ड बेहतर
डॉ. दिनेश शर्मा ने सदन को बताया कि किसानों को गन्ना मूल्य के भुगतान के मामले में योगी सरकार का रिकॉर्ड अखिलेश सरकार से बेहतर रहा है। उन्होंने बताया कि अखिलेश सरकार ने पिछले पेराई सत्र में 18 जुलाई 2016 तक 14,197 करोड़ रुपये का भुगतान किया था जो कि कुल बकाये का 78 फीसद था। वहीं योगी सरकार ने मौजूदा पेराई सत्र में 18 जुलाई 2017 तक किसानों को 25,386 करोड़ रुपये के कुल बकाये के सापेक्ष 22,885.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया है जो कि 90.15 फीसद है। उन्होंने बताया कि सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा अब तक 2033.74 करोड़ रुपये और निजी क्षेत्र की मिलों द्वारा 20,719.64 करोड़ रुपये का भुगतान (90.8 प्रतिशत) किया जा चुका है।
 


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