अचानक हजरतगंज कोतवाली पहुंचे योगी, अफसरों में अफरा-तफरी
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी गुरुवार को भी पूरे दिन एक्शन में रहे। सुबह साढ़े नौ बजे मंत्रियों को दफ्तर भेजने वाले योगी खुद भी एनेक्सी में बैठे और फिर अचानक हजरतगंज कोतवाली पहुंच गए।
लखनऊ (जेएनएन)। शपथ ग्रहण के बाद से ही नई कार्य संस्कृति विकसित करने में जुटे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी गुरुवार को भी पूरे दिन एक्शन में रहे। सुबह साढ़े नौ बजे मंत्रियों को दफ्तर भेजने वाले योगी खुद भी एनेक्सी में बैठे और फिर अचानक हजरतगंज कोतवाली का निरीक्षण करने पहुंच गए। वापसी के बाद उन्होंने बिजली, कृषि, गन्ना और विशेष रूप से नकल रोकने के लिए अफसरों से विमर्श किया।
मुख्यमंत्री ने कार्य संस्कृति में पारदर्शिता और समन्वय के लिए जमीनी पहल की है। मुख्यमंत्री ने बिजली की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने और किसानों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने और गन्ना किसानों की समस्याओं को दूर करने से लेकर कई महत्वपूर्ण मसलों पर अफसरों से चर्चा की। चुस्त-दुरुस्त कानून-व्यवस्था उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने गृह विभाग अपने पास रखा है और जिस तरह गुरुवार की सुबह हजरतगंज कोतवाली का निरीक्षण करने पहुंचे उससे यह बात स्पष्ट हो गई कि सिर्फ शीर्ष अफसरों की ही कार्यपद्धति नहीं बदलेंगे बल्कि, आम जन से जुड़े थाना और तहसीलों में भी बदलाव पर उनका जोर है।
वह अचानक किसी तहसील का भी दौरा कर सकते हैं। इस बुनियादी सोच के चलते ही वह अलग तरह के मुख्यमंत्री के रूप में उभर रहे हैं। उनके एक्शन की सराहना हो रही है और उसके बाद अनुपालन भी दिख रहा है। मुख्यमंत्री के थानों के निरीक्षण के कुछ देर बाद ही डीजीपी ने आइजी जोन, डीआइजी रेंज, एसपी-एसएसपी को थानों के औचक निरीक्षण का फरमान सुना दिया है।
डीजीपी से पूछा, कितने दिनों में होती है कार्रवाई
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी शपथ लेने के पांचवें दिन ही हजरतगंज कोतवाली का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां हड़कंप मच गया। सीएम ने कोतवाली कार्यालय में डीजीपी जावीद अहमद से पूछा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद कितने दिनों में कार्रवाई होती हैं। इस पर डीजीपी ने 90 दिन में विवेचना पूरी होने व मामले की गंभीरता के हिसाब से कार्रवाई की बात कही। योगी ने अधिकारियों से पीडि़तों की थानों में सुनवाई के साथ शत-प्रतिशत एफआइआर दर्ज होने पर जोर दिया। गुरुवार सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर सीएम ने कोतवाली में प्रवेश किया। वहां मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरों से हवाइयां उड़ी हुई थीं। सभी आवभगत का प्रयास करते रहे, लेकिन सीएम ने कोतवाली में एक ग्लास पानी तक नहीं पीया। तीस मिनट तक परिसर में स्थित एएसपी पूर्वी कार्यालय, साइबर क्राइम सेल, क्राइम ब्रांच, महिला थाने समेत सभी जगह का बारीकी से निरीक्षण कर रवाना हो गए।
कोतवाली में आगे बढऩे पर महिला थाने के पास खराब पड़ा वाटर कूलर देखकर पीने के पानी की व्यवस्था के संबंध में पूछा। उन्हें कोतवाली में पानी की व्यवस्था न होने की बात बताई गई तो अधिकारियों को फटकार लगाते हुए इसे तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए। कहा कि कोई भी फरियादी आए तो उसे एक ग्लास पानी पिलाएं और बैठाकर पूरी बात सुनें, एफआइआर लिख कार्रवाई करें। स्वागत कक्ष (रिसेप्शन) में पहुंचते ही सीएम ने अफसरों से पूछा कि यहां कौन बैठता है, जब उन्हें जानकारी हुई तो कहा कि ऐसा होता है स्वागत कक्ष। दो कुर्सियां टूटी पड़ी थी, चार सही थीं, लेकिन उन पर पुलिसकर्मी ही डटे रहते हैं।
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सीएम को देखकर ठीक दो मिनट पहले स्वागत कक्ष के अंदर बाथरूम का दरवाजा बंद किया गया था, ताकि सीएम वहां की गंदगी न देख सकें। सीएम ने स्वागत कक्ष का हाल देख अफसरों से पूछा कि फरियादी कहां बैठते हैं। इस पर सभी चुप्पी साधे थे। उन्होंने एसएसपी को फरियादियों के अलग से बैठने के लिए प्रत्येक थाने में स्वागत कक्ष बनवाने के निर्देश दिए। इस दौरान उनके साथ डीजीपी जावीद अहमद, आइजी जोन ए. सतीश गणेश, डीआइजी रेंज प्रवीण कुमार, एसएसपी मंजिल सैनी, सीओ हजरतगंज अवनीश कुमार मिश्रा समेत कई पुलिस अफसर मौजूद थे।