योगी के मंत्री सत्यदेव पचौरी ने दिव्यांग को कहा-लूला व लंगड़ा
योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्री कानपुर के सत्य देव पचौरी ने वहां मौजूद सीईओ से पूछा कि यह लूला-लंगड़े को संविदा पर रख रहे हो।आप पैसे दे रहे हो ना कितना पैसा देते हो।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिव्यांगजन तथा निशक्तों के प्रति प्रेम तथा लगाव जगजाहिर है। इसके इतर प्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री इनको सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में दिव्यांगजन के लिए एक प्रस्ताव भी पास कराया। कैबिनेट मीटिंग में विकलांगजन विभाग को दिव्यांगजन सशक्तीकरण नाम दिया इसके बाद भी मंत्री सत्यदेव पचौरी का इनके प्रति असंवेदनशील व्यवहार सोचने पर मजबूर करता है।
योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्री कानपुर के सत्य देव पचौरी ने कल डालीबाग में खादी ग्रामद्योग बोर्ड के दफ्तर का औचक निरीक्षण किया। वहां खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी सफाई का जायजा लेने लगे।
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इसी दौरान उनकी नजर दिव्यांग सफाई कर्मचारी पर पड़ी। उन्होंने वहां मौजूद एक दिव्यांग सफाई कर्मचारी से बात करते हुए उन्होंने कहा पूछा कि कितने बजे आते हो। जवाब में कर्मचारी ने बताया सात बजे।
इसके बाद मंत्री ने वहां मौजूद सीईओ से पूछा कि यह लूला-लंगड़े को संविदा पर रख रहे हो। सफाई क्या करेगा बताइए मुझे, तभी ये हाल है सफाई की। आप पैसे दे रहे हो ना कितना पैसा देते हो। इस पर कर्मचारी को ने कहा साहब हमको चार हजार मिलता है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री ने एक दिव्यांग को लेकर बेहद आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया है। सिर्फ चार हजार रुपए महीना कमाने वाले संविदा कर्मचारी के लिए मंत्रीजी की यह भाषा समस्या खड़ी कर सकती है।
यही नहीं जब पचौरी दूसरे फ्लोर पर पहुंचे तो कबाड़ का ढेर देख और ज्यादा बिफर गए। उन्होंने प्रभारी को बुलाया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्वच्छ भारत अभियान चला रहे हैं और आपको सफाई करनी नहीं आती। शाम तक सफाई नहीं हुई, तो सिर पर रखकर कूड़ा उठवाऊंगा।
प्रधानमंत्री व सीएम की राय जुदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार मंच से दिव्यांगों को सम्मान देने की बात कह चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी दिव्यांग शब्द प्रचलित करने के लिए कई कैंप किए हों। मोदी सरकार दिव्यांगों को सम्मान देने के लिए कई तरह के कार्यक्रम लागू कर चुकी है। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी कई बार मंच से दिव्यांगों को सम्मान देने की बात कह चुके हैं। मंत्री सत्यदेव पचौरी की भाषा पीएम मोदी के दिव्यांगों के प्रति सोच के साथ मेल खाती नहीं दिख रही। वहीं स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दिव्यांगों को लेकर अपनी सोच जाहिर कर चुके हैं। पिछले साल केंद्र की बीजेपी की सरकार दिव्यागों के लिए संसद में एक बिल भी पास कर चुकी है। जिसमें नि:शक्तजनों से भेदभाव किए जाने पर दो साल तक की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में दिव्यांगों के सम्मान में उनके विभाग का नाम बदलकर दिव्यांगजन जनसशक्तीकरण विभाग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उन्हीं की सरकार के मंत्री दिव्यांग को बेइज्जत करने का काम कर रहे हैं।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को दिव्यांग कहकर अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया हो लेकिन योगी सरकार के मंत्री ने कुछ ऐसा किया जो वाकई उनकी संवेदनशीलता पर सवाल उठाने वाला है।