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पाकिस्तान के लिए तो हम ही काफी : मंगलामुखी

पाकिस्तान हमला कराने से बाज नहीं आता। केंद्र हमें (किन्नरों को) सेना में भर्ती कर बॉर्डर पर भेज दे, पाकिस्तान को तो हम ही सबक सिखा देंगे।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 11:17 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 11:19 AM (IST)
पाकिस्तान के लिए तो हम ही काफी : मंगलामुखी

लखनऊ। पाकिस्तान हमला कराने से बाज नहीं आता। केंद्र हमें (किन्नरों को) सेना में भर्ती कर बॉर्डर पर भेज दे, पाकिस्तान को तो हम ही सबक सिखा देंगे। किन्नर हैं तो क्या हुआ, हर देश भक्त की तरह हमें भी अपने देश से प्यार है। यह कहना है पंजाब के गुरुदासपुर में सेामवार को हुए आतंकी हमले से आहत किन्नर रश्मि, बेबी, छोटी का। कासगंज के कृष्णा पैलेस से मंगलवार को बैंड बाजों की धुन पर किन्नरों का जुलूस निकला। सरकुलर रोड से विभिन्न बाजारों से होता जुलूस दरगाह पर पहुंचा। जहां मुल्क में अमन-चैन की दुआ मांगी गई। इस दौरान राह में पडऩे वाली मस्जिदों पर भी मत्था टेका गया। मंगलवार को बिहार से 50 मंगलामुखियों का एक और जत्था सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंच गया। जुलूस में परंपरागत परिधानों के साथ किन्नरों का मार्डन स्वरूप लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा।

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अदालत के फैसले से खुश

सुप्रीम कोर्ट ने किन्नरों को थर्ड जेंडर घोषित कर वो सारे अधिकार दे दिए हैं जो पिछड़ी जातियों को हासिल हैं। किन्नर रानी, शीला, शबनम बताती हैं कि सन 1871 में अंग्रेजों ने किन्नरों को जरायम पेशा जनजाति की श्रेणी में डाल दिया था। आजाद भारत का संविधान बना तो 1951 में किन्नरों को इस श्रेणी से निकाल दिया गया। मगर उनका हक अब जाकर मिल पाया है।


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