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मुजफ्फरनगर में अमन के दुश्मनों पर वोट के वार की अपील

कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने कहा कि मुजफ्फरनगर गंगा-जमुनी तहजीब को ऊंचाई देने वाला शहर है। यहां जब हिंदू पर मुसीबत आई तो मुसलमान और मुसलमान पर मुसीबत आई तो हिंदू ने आगे बढ़कर साथ दिया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2016 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2016 07:27 PM (IST)
मुजफ्फरनगर में अमन के दुश्मनों पर वोट के वार की अपील

लखनऊ। कांग्रेस नेता व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि मुजफ्फरनगर गंगा-जमुनी तहजीब को ऊंचाई देने वाला शहर है। यहां जब हिंदू पर मुसीबत आई तो मुसलमान और मुसलमान पर मुसीबत आई तो हिंदू ने आगे बढ़कर साथ दिया। लेकिन अमन के दुश्मनों ने यहां की तहजीब को नेस्तानाबूद करने की कोशिश की। इसलिए उप चुनाव में अमन के दुश्मनों पर वोट का वार करना जरूरी है। मुजफ्फरनगर में कांग्रेस प्रत्याशी सलमान सईद के समर्थन में हुई सभा में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने लोगों से कहा कि तीस बरस में आप ने सभी को मौका देकर देख लिया, इस बार आपसे दरख्वास्त है कि कांग्रेस को मौका दें। कुछ लोगों के भाजपा से दिल्ली और कुछ लोगों के सपा से लखनऊ में तार जुड़े हैं, लेकिन हालात ऐसे हैं कि सुनवाई कहीं नहीं हो रही। दंगों से मुजफ्फरनगर में जो कड़वाहट घोल दी गई, हम उसमें मिठास भरने आए हैं।

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मीरा कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान लोगों से कहा गया था कि केन्द्र में सरकार बनी तो विदेशी बैंकों में छुपाया गया देश का काला धन वापस आएगा और प्रत्येक भारतीय के खाते में 15-15 लाख पहुंच जाएंगे। लेकिन सभी वायदे झूठे साबित हो रहे हैं। लाभकारी गन्ना मूल्य देने की बात हुई थी, लेकिन किसान यहां भी ठगा गया।

केन्द्रीय एससी-एसटी आयोग के चेयरमैन व कांग्रेस नेता पीएल पूनिया ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार दलित व मुस्लिम विरोधी हैं। केन्द्र की भाजपा सरकार ने चुनाव पूर्व 10 करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन एक आदमी को भी रोजगार नहीं दे पाई। किसानों को 50 प्रतिशत लाभकारी गन्ना मूल्य देने का वायदा किया गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर केन्द्र ने इससे भी असहमति जता दी। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने शेड्यूल कास्ट प्लान में 20 हजार करोड़ की कटौती कर दलितों की कमर तोड़ दी गई। न तो केन्द्र की नीयत ठीक है और न प्रदेश सरकार की। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम घटने के बाद भी आम उपभोक्ताओं का गला घोटा जा रहा है। तेल के दामों में मंदी का लाभ केन्द्र सरकार उठा रही है। सरकार ने सभी योजनाओं में 6658 करोड़ की कटौती की है। इसका असर आम आदमी की सेहत पर ही पड़ा है।


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