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विधानसभा चर्चा: गरीबी मिटाने को चलाना होगा योगी मंत्र

उत्तर प्रदेश की तस्वीर बहुत खराब है और पक्ष-विपक्ष की बात भूलकर इस पर सभी को चिंतित होना होगा। गरीबी मिटाने के लिए यहां योगी मंत्र चलाना होगा।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 19 Jul 2017 01:27 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jul 2017 01:37 PM (IST)
विधानसभा चर्चा: गरीबी मिटाने को चलाना होगा योगी मंत्र
विधानसभा चर्चा: गरीबी मिटाने को चलाना होगा योगी मंत्र

लखनऊ (जेएनएन)। विधान सभा में मंगलवार को बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष ने योगी सरकार की जहां खूब सराहना की वहीं विपक्ष चौतरफा हमलावर रहा। भाजपा और सहयोगी दलों ने इस बजट को ऐतिहासिक करार दिया तो सपा, बसपा और कांग्रेस ने बिजली, पानी, शिक्षा, सड़क और रोजगार समेत सभी मुद्दों पर दिशाहीन बताया। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की तस्वीर बहुत खराब है और पक्ष-विपक्ष की बात भूलकर इस पर सभी को चिंतित होना होगा। गरीबी मिटाने के लिए यहां योगी मंत्र चलाना होगा।
बजट सत्र पर चर्चा में शेरो-शायरी भी खूब हुई। भाजपा की डॉ. अनीता लोधी राजपूत और मेजर सुनील द्विवेदी ने इसे गोल्डेन बजट बताया। सपा के दुर्गा प्रसाद का कहना था कि इससे प्रदेश की जनता का भला नहीं हो सकता है। बसपा के विनय शंकर तिवारी ने पिपराइच और मुंडेरवा की बंद चीनी मिल चलाने के फैसले का स्वागत करते हुए अपने क्षेत्र की धुरियापार चीनी मिल को उपेक्षित छोडऩे और गोरखपुर के लिए विकास परक योजना शुरू न करने पर कहा कि योगी के मुख्यमंत्री बनने से जो उम्मीद जगी थी उसे झटका लगा है। अदम गोंडवी के शेर 'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे, ये दावा किताबी है से उन्होंने बजट को जनविरोधी बताया। इस दौरान ज्यादातर विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए बजट में प्रावधान की अपेक्षा की।

टी-20 मैच की तरह न हो बजट का विश्लेषण
विपक्षी सदस्यों के आक्रामक रवैए पर सिद्धार्थनाथ ने पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश की बदहाली का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ा। कहा, बजट का विश्लेषण टी-20 मैच की तरह नहीं, पांच दिवसीय क्रिकेट मैच की तरह होना चाहिए और हर दिन के मैच को एक वर्ष के कार्यकाल के हिसाब से देखना चाहिए। सिद्धार्थनाथ ने बसपा और सपा सरकार का जिक्र करते हुए कहा, पिछली सरकार में सांविधानिक संस्थाओं में भी भ्रष्टाचार हुए और 2013 में 86 पीसीएस में 56 एक जाति विशेष के थे। 1526 थानों में 50 प्रतिशत से अधिक नियुक्ति जाति विशेष के थानेदारों की हुई।

बजट में योगी का जलवा
बजट भाषण पढ़ते समय वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के बैठ जाने और फिर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना द्वारा बजट भाषण पढऩे पर नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने चुटकी ली थी। वित्त राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कह रहे थे कि यह बजट छलवा है छलवा, पर बजट में योगी का जलवा है जलवा। अनुपमा ने कांग्रेस के नेता अजय कुमार लल्लू को दिग्भ्रमित बताया और बसपा पर भी तंज किए।

योगी के मन से नहीं गई ईष्र्या
सपा के संजय गर्ग सीधे योगी पर आक्रामक हो गए। कहा कि उनके मन से मोह, माया और ईष्र्या नहीं गई। इसीलिए पिछली सरकार की योजनाओं से समाजवादी शब्द हटा रहे हैं। बसपा की सुषमा पटेल और कांग्रेस के नरेश सैनी, सपा के अमिताभ बाजपेयी, बृजेश कठेरिया ने बजट की खामियां गिनाई जबकि भाजपा की रजनी तिवारी, रमेश मिश्र, बृजेश सिंह, श्याम बिहारी, प्रतिभा शुक्ला,अभिजीत सांगा, विनाद कटियार और डॉ. नीरज बोरा व अपना दल के राहुल प्रकाश ने सरकार की तारीफों के पुल बांधे। भाजपा के रत्नाकर मिश्र, विमला सोलंकी ने भी बजट को सराहा। वीरेन्द्र सिंह सिरोही ने कहा कि यह 22 करोड़ लोगों की चिंता करने वाला बजट है।

जनवरी से दिसंबर तक हो वित्तीय वर्ष
सपा के उज्जवल रमण ने सरकार को सुझाव दिया कि मध्य प्रदेश में जैसे किसानों को धान और गेहूं खरीदने में बोनस दिया जाता और एक जनवरी से 31 दिसंबर तक वित्तीय वर्ष चलता है, वैसी व्यवस्था उप्र में लागू की जाए। सपा के नफीस अहमद ने कहा कि भाजपा सरकार का बजट आने के बाद उत्तर प्रदेश की जनता का यकीन टूटा है। नफीस ने अल्पसंख्यक योजनाओं पर सरकार की बेरुखी पर शेर पढ़ा 'तेरी एक निगाह की बात थी, मेरी जिंदगी का सवाल था। उन्होंने कहा कि आप हज के लिए मुसलमानों को भले सब्सिडी मत दो लेकिन, शिक्षा और रोजगार के लिए जरूर सब्सिडी जरूर दें। उन्होंने कहा कि जनता ने आपको सपा सरकार की बुराई के लिए नहीं काम के लिए चुना है और काम करके दिखाइए।

इंसानियत के लिए लड़े भगवान राम
बजट में चर्चा के दौरान सपा के बृजेश कठेरिया और बिलारी के विधायक फहीम ने एक भाजपा विधायक द्वारा मक्का-मदीना जाने वाले मुसलमानों को रोकने की बात का उल्लेख कर कहा कि कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं। यह देश गंगा जमुनी तहजीब का है। नफीस अहमद ने कहा कि अब तो अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सफर करने से डरते हैं। सरकार के लोग रामराज की बात करते हैं लेकिन वैसा आचरण नहीं करते। भगवान राम ने इंसानियत के लिए लडऩे का काम किया था।
 

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