Explosive in Assembly : आइबी की रिपोर्ट के बाद भी सोती रही उत्तर प्रदेश पुलिस
इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) ने दो महीने पहले विधानसभा सत्र के दौरान ही आतंकी हमले की आशंका जताई थी। दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था।
लखनऊ [शोभित मिश्र]। उत्तर प्रदेश सरकार ने यदि केंद्रीय खुफिया एजेंसी के अलर्ट पर ध्यान दिया होता तो गुरुवार को विधानसभा की सुरक्षा में चूक न होती। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) ने दो महीने पहले विधानसभा सत्र के दौरान ही आतंकी हमले की आशंका जताई थी। दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था।
आइबी के इस अलर्ट को पुलिस और विधानसभा के अंदर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने गंभीरता से नहीं लिया। अगर सतर्कता बरती जाती तो विधानसभा के अंदर तक विस्फोटक न पहुंचता। आइबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए 'दैनिक जागरण' ने 15 मई के अंक में 'आतंकी हमले की आशंका में विधानसभा की सुरक्षा चाक-चौबंद' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले विधानमंडल सत्र में पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद रखी थी, जिससे हमले की साजिश नाकाम हो गई। विस्फोटक मिलने से साफ है कि इसबार अंदर से लेकर बाहर तक सुरक्षा में ढिलाई बरती गई। विधानसभा सुरक्षा के अधिकारियों, कर्मचारियों, मार्शल के साथ गेट पर खड़े पुलिस व पीएसी के जवान सब फेल हो गए और विस्फोटक अंदर पहुंच गया।
दैनिक जागरण में प्रकाशित आइबी की रिपोर्ट
दैनिक जागरण में प्रकाशित आइबी की खुफिया रिपोर्ट में बताया गया था कि जैश ए मोहम्मद की सिंध प्रांत में हुई जिहाद काउंसलिंग की बैठक में देश के महत्वपूर्ण स्थलों पर हमले की योजना बनाई गई है।
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जिन स्थलों पर हमला होना है, उनमें आतंकी संगठनों ने राजधानी के विधान भवन परिसर को प्रमुख रूप से चिह्नित किया है।
देखें तस्वीरें: लखनऊ में विधान भवन की सुरक्षा को दी गई मजबूती
रिपोर्ट में साफतौर से बताया गया था कि विधान भवन व उसके आसपास के क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था किया जाना जरूरी है, थोड़ी भी ढिलाई बरतने से आतंकियों को हमले का मौका मिल सकता है।
रोकने पर विधायक ने बुरा-भला कहा
विस्फोटक मिलने के बावजूद कल को विधानसभा के गेट से कई विधायकों के वाहन बिना पास के अंदर प्रवेश करते दिखे।
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बहराइच के पयागपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुभाष त्रिपाठी के वाहन पर पास नहीं था। गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने रोका तो विधायक जी ने उन्हें भला-बुरा कहा और वाहन लेकर अंदर चले गए।
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बाराबंकी की सांसद प्रियंका रावत भी बिना पास लगे अपने वाहन से विधानसभा के अंदर गईं। सवाल उठता है कि जब माननीय ही नियम कानून तोड़ेंगे तो प्रदेश में हर महत्वपूर्ण सुरक्षा-व्यवस्था कैसे होगी।