अब पीआर एजेंसी निखारेगी यूपी सरकार की छवि
लखनऊ। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के बाद जब सपा कार्यकर्ता, विधायक व मंत्री भी सरकार के कामों का
लखनऊ। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के बाद जब सपा कार्यकर्ता, विधायक व मंत्री भी सरकार के कामों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने में नाकाम रहे तब प्रदेश सरकार ने अपनी छवि निखारने का जिम्मा पीआर एजेंसी को देने का फैसला किया है। आज कैबिनेट की बैठक में सरकार के इस प्रस्ताव पर मुहर भी लग गई।
अपनी छवि को लेकर चिंतित उत्तर प्रदेश सरकार अब निजी क्षेत्र की एक पर्सनल रिलेशन कंपनी से अनुबंध कर अपनी छवि सुधारना चाहती है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में पहली बार मीडिया नीति को भी हरी झंडी दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस बाबत निर्णय किया जा सकता है। इस कंपनी के साथ दो वर्ष का अनुबंध किए जाने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार सरकार का मानना है कि पेशेवर रवैये के अभाव में प्रदेश का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सरकार के कार्यो को जनता के बीच अपेक्षित ढंग से नहीं पहुंचा पा रहा है इसलिए निजी क्षेत्र की कंपनी की सेवाएं लेने का निर्णय किया गया है।
दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कारीडोर योजना के तहत एकीकृत टाउनशिप विकसित करने के लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा कंपनी को दी जाने वाली भूमि को स्टाम्प शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष प्रस्तावित है। पीपीएस संवर्ग में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के उच्च वेतनमान में अतिरिक्त पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे के अधिसूचित क्षेत्रों में किसानों व उद्यमियों के निराकरण के संबंध में कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर निर्णय किया जा सकता है। इलाहाबाद में राजकीय मुद्रणालय के प्रपत्र भंडार भवन और उससे संलग्न पूरी जमीन को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को हस्तातरित करने और प्रपत्र भंडारण के लिए नए भवन का निर्माण कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी जा सकती है।
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