उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की बेहिसाब दौलत पर आयकर का शिकंजा
आइएएस अधिकारी हृदय शंकर तिवारी, एसीईओ ग्रेटरनोएडा विमल व पत्नी ममता शर्मा और विशेष सचिव जेल सुधार सत्येंद्र सिंह की बेहिसाब दौलत।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की बेहिसाब दौलत को लेकर आयकर विभाग ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसके लिए विभाग का दो दिन तक छापामारी अभियान चला। आयकर के छापों में स्वास्थ्य निदेशक हृदय शंकर तिवारी और विशेष सचिव कारागार सत्येंद्र कुमार सिंह के पास से बेनामी संपत्ति के सुराग मिले हैैं।बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम की नियमावली बनने के साथ ही एक नवंबर, 2016 से यह कानून प्रभावी होने के बाद देश भर के प्रधान आयकर निदेशक कार्यालयों में पिछले हफ्ते कुल बीपीयू गठित कर दिए गए। प्रदेश के आधे-आधे हिस्से में काम करने वाले लखनऊ व कानपुर स्थित प्रदेश के दोनों प्रधान आयकर निदेशक कार्यालयों में इकाई गठित कर दी गई है। आयकर के उप निदेशक जयनाथ वर्मा ने बताया कि मई में बीपीयू अधिकारियों की तैनाती होगी। इसके लिए तेजतर्रार अधिकारियों को चुन कर उनका विशेष प्रशिक्षण शुरू है।
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हृदय शंकर तिवारी, आइएएस अधिकारी
- तिवारी के लखनऊ, बागपत और दिल्ली के ठिकानों से कुल 1.55 करोड़ रुपये नकद मिले, जिसे आयकर विभाग ने जब्त कर लिया।
- इसमें गोमतीनगर में एल्डिको ग्रीन के मकान नंबर 282 और लॉकर से 1.21 करोड़ रुपये मिले, जबकि तिवारी के घर से मिले सुराग के बाद जांच में उनके करीबी भट्ठा मालिक विनोद गोयल के दिल्ली स्थित आवास से 20 लाख और बागपत जिलाधिकारी कार्यालय के लिपिक राजेश शर्मा के घर से 14.40 लाख रुपये बरामद किए गए। यह पूरा तिवारी का ही पैसा माना जा रहा है।
- घर में 2.30 किलो के सोने के गहने मिले, जिसमें से करीब 40 लाख रुपये कीमत के 1.30 किलो गहनों को सीमा से अधिक मान कर जब्त कर लिया गया।
- तिवारी के घर से मिली डायरी में कालेधन का हिसाब दर्ज है। डायरी के एक पेज पर लिखा है कि 'एडजस्टमेंट' के बाद पत्नी की रिश्तेदार और गोरखपुर निवासी नूतन त्रिपाठी पर 6.04 करोड़ रुपये का बैलेंस बाकी है।
- तिवारी ने लखनऊ, नोएडा और नैनीताल में अपने और परिवारीजन व रिश्तेदारों के नाम नौ संपत्तियां स्वीकार की हैैं, जिसमें से तीन में नूतन त्रिपाठी का भी मालिकाना हक है।
- नूतन के गोरखपुर स्थित आवास में छापे के दौरान एक करोड़ रुपये की बैैंक एफडी के साथ अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले, जबकि नूतन त्रिपाठी के पैनकार्ड के डाटाबेस के मुताबिक उन्होंने सिर्फ तीन से पांच लाख रुपये आय का ही ब्योरा दे रखा है।
- आयकर विभाग नूतन त्रिपाठी के पास मिली संपत्ति और एफडी को तिवारी की बेनामी संपत्ति मान कर बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
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विमल शर्मा, एडीशनल सीइओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व उनकी पत्नी ममता शर्मा, आरटीओ मेरठ
- नोएडा में सेक्टर 50 स्थित डी166/45 और डी166/56 स्थित उनके आवासों से ममता शर्मा के नाम दो लॉकरों के दस्तावेज मिले, जिन्हें खोला जाना है।
- घर से 40 हजार रुपये के बंद हो चुके एक हजार व पांच सौ रुपये के पुराने नोट मिले, जबकि एक लाख रुपये की विदेशी मुद्रा भी बरामद हुई।
- अधिकारी दंपती के महंगे आलीशान घर में कीमती शानदार फर्नीचर और सजावट देख कर आयकर अधिकारियों ने इसका वैल्युएशन कराने का फैसला किया है।
- ममता शर्मा के घर की जांच में मिले सुराग के आधार पर उनके एक करीबी परिवहन कर्मचारी के घर से 21 लाख रुपये बरामद किए गए, जिसे ममता का कालाधन मान कर जब्त कर लिया गया।
- अधिकारी ने ग्रेटर नोएडा, नोएडा, नैनीताल और मैनपुरी में सात संपत्तियां मानीं। इसमें तीन विरासत में, एक उनकी मां से उनके बेटे को उपहार में और बाकी दो संपत्तियां लोन लेकर खरीदी जाने के कारण बैैंक में बंधक हैैं।
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सत्येंद्र कुमार सिंह, विशेष सचिव, जेल प्रशासन एवं सुधार
- सिंह और उनकी करीबी शालिनी गुप्ता के ठिकानों पर छापों के दौरान आयकर टीमों ने लखनऊ में चार और ग्रेटर नोएडा व नोएडा में तीन ठिकानों पर जांच की। साथ ही वाराणसी और गाजियाबाद में भी उनके ठिकानों पर जांच की जा रही है।
- सिंह के घर से 37.50 लाख रुपये नकद बरामद हुए, जिसे जब्त कर लिया गया।
- शालिनी गुप्ता के नाम लॉकर के दस्तावेज मिलने पर लॉकर को सील कर दिया गया। इसे खोला जाना है।
- शालिनी गुप्ता के नाम गोमती नगर में 60 लाख रुपये का बंगला खरीदा गया। इसके दस्तावेज जब्त किए गए।
- सिंह के पुत्र शेखर के नाम पर 1.40 करोड़ रुपये की संपत्ति की रजिस्ट्री के कागजात मिले। इसके 1.45 करोड़ रुपये के भुगतान के भी कागजात जब्त किए गए हैैं।
- सिंह के साले पंकज सिंह के नाम गाजियाबाद में 30 लाख रुपये की संपत्ति के कागजात मिले।
- सिंह के पुत्र, साले और शालिनी गुप्ता के आयकर रिटर्न में इस संपत्ति का ब्योरा नहीं था। इसलिए कुल 2.30 करोड़ रुपये की इस संपत्ति को बेनामी मान कर आयकर विभाग इसी मुताबिक जांच को आगे बढ़ाएगा।
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